Kamyogi

Author: Sudhir Kakkar
Translator: Krishna Mohan
Edition: 2000, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
As low as ₹175.50 Regular Price ₹195.00
10% Off
In stock
SKU
Kamyogi
- +
Share:

काल : चौथी सदी, भारत का स्वर्णयुग। स्थान वाराणसी के बाहर जंगलों में बना एक आश्रम। ‘कामसूत्र’ के रचयिता वात्स्यायन हर सुबह अपने एक युवा शिष्य को अपने बचपन और युवावस्था की कहानियाँ सुनाते हैं। यह शिष्य इस महान ऋषि की जीवनी लिखना चाहता है। वात्स्यायन के जीवन के बारे में बहुत कम जानकारियाँ उपलब्ध हैं। यह युवा अध्येता इन जानकारियों को अपने मस्तिष्क में दर्ज करता जाता है। साथ ही ‘कामसूत्र’ के उन प्रासंगिक श्लोकों को भी उनमें गूँथता जाता है, जिन्हें उसने कंठस्थ कर लिया है। जो कथा उभरती है, वह अद्भुत है। वात्स्यायन की माँ अवंतिका और मौसी कौशाम्बी के एक वेश्यालय में प्रसिद्ध गणिकाएँ हैं। उसे और उनके विभिन्न प्रेमियों से वात्स्यायन काम-कलाओं की पहली छवियाँ देखते हैं, जो उनके मन पर अमिट छाप छोड़ती है।

सुधीर कक्कड़ अपनी विशिष्ट सूक्ष्म दृष्टि से इस कथा के उन अनगिनत पात्रों के मन की गहराइयों तक पहुँचते हैं, जो अपनी पहचान पाने के विभिन्न चरणों से गुज़र रहे हैं। इस तरह वासना और कामुकता का एक सशक्त आख्यान आकार लेता है, जिसमें प्राचीन कला का सम्मोहन भी है और आश्चर्यजनक विसंगतियाँ भी।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2000
Edition Year 2000, Ed. 1st
Pages 230p
Translator Krishna Mohan
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Kamyogi
Your Rating
Sudhir Kakkar

Author: Sudhir Kakkar

सुधीर कक्‍कड़

अंग्रेज़ी के महत्त्वपूर्ण भारतीय लेखक और मनोविश्लेषक।

भारत, यूरोप और अमेरिका के अनेक विश्वविद्यालयों में अध्यापन।

प्रमुख कृयिताँ : ‘द इनर वर्ल्ड’ (1978); ‘शमन्स, मिस्टीक्स एंड डॉक्टर्स’ (1982); ‘वेल्स ऑफ़ लव, सेक्स एंड डेंजर’ (1986); ‘इंटीमेट रिलेशंस’  (1990); ‘द एनालिस्ट एवं द मिस्टीक’ (1992); ‘द कलर्स ऑफ़ वायलेंस’ (1996); ‘कल्चर एंड साइके’ (1997); चुनी हुई रचनाओं का संकलन ‘द इंडियन साइके’ (1996) तथा ‘मीरा एंड महात्मा’ (2004)।

‘द एसेटिक ऑफ़ डिजायर’ उनका प्रथम उपन्यास है जिसका हिन्दी में 'कर्मयोगी' शीर्षक से अनुवाद प्रकाशित हो चुका है। हिन्दी में अनूदित उनकी अन्‍य कृतियाँ हैं—‘आनन्द वर्षा’ (द एक्सटेसी) और ‘मीरा और महात्‍मा’ (मीरा एंड महात्मा)।

देश-विदेश के विभिन्‍न पुरस्‍कारों से सम्‍मानित।

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top