Kagaz Aur Canvas-Hard Cover

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ISBN:9788126704927
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पंजाबी के शीर्षस्थ कवियों और कथाकारों में गणनीय अमृता प्रीतम की सृजन-प्रतिभा को नारी-सुलभ कोमलता और संवेदनशीलता के साथ-साथ मर्मभेदिनी कला-दृष्टि का सहज वरदान प्राप्त है। उनके रचनाकार की यह विशिष्टता उन्हें एक ऐसा व्यक्तित्व प्रदान करती है जो तटस्थ भी है और आत्मीय भी! निजता की भावना से उनकी कृतियाँ सराबोर हैं।

वर्ष 1980-81 के ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित ‘काग़ज़ और कैनवस’ में अमृता जी की उत्तरकालीन प्रतिनिधि कविताएँ संगृहीत हैं। प्रेम और यौवन के धूप-छाँही रंगों में अतृप्त का रस घोलकर उन्होंने जिस उच्छल काव्य-मदिरा का आस्वाद अपने पाठकों को पहले कराया था, वह इन कविताओं तक आते-आते पर्याप्त संयमित हो गया है और सामाजिक यथार्थ के शिलाखंडों से टकराते युग-मानव की व्यथा-कथा ही यहाँ विशेष रूप से मुखरित है। आधुनिक यंत्र-युग की देन मनुष्य के आन्तरिक सूनेपन को भी अमृता जी ने बहुत सघनता के साथ चित्रित किया है।

देवनागरी लिपि में मुद्रित मूल पंजाबी कविताओं के साथ उनका हिन्दी रूपान्तर पाठकों को उनके मर्म तक पैठने में सहायक होगा; इस आशा के साथ प्रस्तुत है यह विशिष्ट कृति, जिसमें अमृता जी ने भोगे हुए क्षणों को वाणी दी है।

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Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 1973
Edition Year 2023, Ed. 12th
Pages 155p
Price ₹595.00
Translator Shanta
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1
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Amrita Preetam

Author: Amrita Preetam

अमृता प्रीतम

जन्म : 31 अगस्त, 1919; गुजराँवाला (पंजाब)।

बचपन और शिक्षा लाहौर में। किशोरावस्था से ही काव्य-रचना की ओर प्रवृत्ति। बँटवारे से पहले लाहौर से प्रकाशित होनेवाली मासिक पत्रिका 'नई दुनिया' का सम्पादन किया, फिर 'नागमणि' नामक पंजाबी मासिक निकाला। कुछ दिनों तक आकाशवाणी, दिल्ली से सम्बद्ध रहीं। 1956 में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित और 1958 में पंजाब सरकार के भाषा-विभाग द्वारा पुरस्कृत। 1961 में सोवियत लेखक संघ के निमंत्रण पर मास्को-यात्रा, फिर मई, 1966 में बलगारिया लेखक संघ के निमंत्रण पर बलगारिया की यात्रा। ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित।

अब तक तीन दर्जन से अधिक पुस्तकें मूल पंजाबी में प्रकाशित, जिनमें से दो-तीन को छोड़कर प्राय: सभी पुस्तकों के हिन्दी अनुवाद। कुछ अन्य भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त रूसी, जर्मन आदि यूरोपीय भाषाओं में भी अनूदित।

प्रमुख प्रकाशित पुस्तकें : ‘धूप का टुकड़ा’, ‘काग़ज़ और कैनवस’ (कविता-संग्रह); ‘रसीदी टिकट’, ‘दस्तावेज़’ (आत्मकथा); ‘डॉक्टर देव’, ‘पिंजर’, ‘घोंसला’, ‘एक सवाल’, ‘बुलावा’, ‘बन्द दरवाज़ा’, ‘रंग का पत्ता’, ‘एक थी अनीता’, ‘धरती, सागर और सीपियाँ’, ‘दिल्ली की गलियाँ’, ‘जलावतन’, ‘जेबकतरे’, ‘पक्की हवेली’, ‘आग की लकीर’, ‘कोई नहीं जानता’, ‘यह सच है’, ‘एक ख़ाली जगह’, ‘तेरहवाँ सूरज’, ‘उनचास दिन’, ‘कोरे काग़ज़’, ‘हरदत्त का ज़ि‍न्दगीनामा’ इत्यादि (उपन्यास); ‘अन्तिम पत्र’, ‘लाल मिर्च’, ‘एक लड़की एक जाम’, ‘दो खिड़कियाँ’, ‘हीरे की कनी’, ‘पाँच बरस लम्बी सड़क’, ‘एक शहर की मौत’, ‘तीसरी औरत’, ‘यह कहानी नहीं’, ‘अक्षरों की छाया में’ आदि (कहानी-संग्रह)।

निधन : 31 अक्टूबर, 2005

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