Dhoop Ka Tukda

Author: Amrita Preetam
Translator: Debinder
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Dhoop Ka Tukda
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अमृता प्रीतम की कविताओं में रमना, हृदय में कसकती व्यथा का घाव लेकर, प्रेम और सौन्दर्य की धूपछाँह-वीथी में विचरने के समान है, जहाँ वियोग तथा अतृप्ति के तीखे नुकीले काँटे भावना के सुकुमार चरणों को क्षत-विक्षत करते रहते हैं । ऐसी गहरी, दर्द में डूबी, प्राणिक संवेदनाओं के गीत कम ही देखने को मिलते हैं। अमृताजी धरती के जीवन के गीत भी गाती हैं । वह युग-संघर्ष के प्रति प्रबुद्ध होने के कारण प्रगतिशील भावधारा से प्रेरित हैं, किन्तु प्रेम के प्रति एकाग्र समर्पण ही उनकी जीवन-साधना तथा आत्म-विकास का एकान्त पथ है।

अमृताजी की कविताओं के अनुवाद से हिन्दी काव्य भाव-धनी, स्वप्न-संस्कृत तथा शिल्प-समृद्ध बनेगा। इन कविताओं से यह सहज ही प्रमाणित हो जाता है कि अमृताजी का स्थान पंजाबी ही नहीं, समस्त भारतीय भाषाओं में भी प्रथम श्रेणी के योग्य है । इस संग्रह से हिन्दी के नये कवियों को विशेष प्रेरणा मिलेगी। जिस गहरी भाव-संवेदना, सामाजिक यथार्थ तथा युग मानव की व्यथा का सच्चा चित्रण अमृताजी ने अपनी नारी-हृदय की जादू-तूली से इन कविताओं में किया है, वह उनकी कृति को एक अत्यन्त उच्च तथा व्यापक स्तर पर उठा देती है।

—सुमित्रानन्दन पंत

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Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 1966
Edition Year 2023, Ed. 2nd
Pages 192p
Translator Debinder
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14 X 2
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Amrita Preetam

Author: Amrita Preetam

अमृता प्रीतम

जन्म : 31 अगस्त, 1919; गुजराँवाला (पंजाब)।

बचपन और शिक्षा लाहौर में। किशोरावस्था से ही काव्य-रचना की ओर प्रवृत्ति। बँटवारे से पहले लाहौर से प्रकाशित होनेवाली मासिक पत्रिका 'नई दुनिया' का सम्पादन किया, फिर 'नागमणि' नामक पंजाबी मासिक निकाला। कुछ दिनों तक आकाशवाणी, दिल्ली से सम्बद्ध रहीं। 1956 में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित और 1958 में पंजाब सरकार के भाषा-विभाग द्वारा पुरस्कृत। 1961 में सोवियत लेखक संघ के निमंत्रण पर मास्को-यात्रा, फिर मई, 1966 में बलगारिया लेखक संघ के निमंत्रण पर बलगारिया की यात्रा। ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित।

अब तक तीन दर्जन से अधिक पुस्तकें मूल पंजाबी में प्रकाशित, जिनमें से दो-तीन को छोड़कर प्राय: सभी पुस्तकों के हिन्दी अनुवाद। कुछ अन्य भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त रूसी, जर्मन आदि यूरोपीय भाषाओं में भी अनूदित।

प्रमुख प्रकाशित पुस्तकें : ‘धूप का टुकड़ा’, ‘काग़ज़ और कैनवस’ (कविता-संग्रह); ‘रसीदी टिकट’, ‘दस्तावेज़’ (आत्मकथा); ‘डॉक्टर देव’, ‘पिंजर’, ‘घोंसला’, ‘एक सवाल’, ‘बुलावा’, ‘बन्द दरवाज़ा’, ‘रंग का पत्ता’, ‘एक थी अनीता’, ‘धरती, सागर और सीपियाँ’, ‘दिल्ली की गलियाँ’, ‘जलावतन’, ‘जेबकतरे’, ‘पक्की हवेली’, ‘आग की लकीर’, ‘कोई नहीं जानता’, ‘यह सच है’, ‘एक ख़ाली जगह’, ‘तेरहवाँ सूरज’, ‘उनचास दिन’, ‘कोरे काग़ज़’, ‘हरदत्त का ज़ि‍न्दगीनामा’ इत्यादि (उपन्यास); ‘अन्तिम पत्र’, ‘लाल मिर्च’, ‘एक लड़की एक जाम’, ‘दो खिड़कियाँ’, ‘हीरे की कनी’, ‘पाँच बरस लम्बी सड़क’, ‘एक शहर की मौत’, ‘तीसरी औरत’, ‘यह कहानी नहीं’, ‘अक्षरों की छाया में’ आदि (कहानी-संग्रह)।

निधन : 31 अक्टूबर, 2005

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