अग्रणी कवि और विचारक कुँवर नारायण भेंटवार्ताओं को पर्याप्त धैर्य और गम्भीरता से लेते हैं। उनके संवाद नकेवल हमारे साहित्यबोध को विभिन्न स्तरों पर उकसाते हैं, बल्कि वे हमें साहित्य, जीवन और अन्य कलाओं के आपसी सम्बन्धों की एक अत्यन्त समृद्ध दुनिया में ले जाते हैं। उनके संवाद केवल साहित्य तक सीमित नहीं हैं, वे बाहर की एक ज़्यादा बड़ी दुनिया में प्रवेश की राहें खोलते हैं; हमारी साहित्यिक तथा चिन्तन संवेदना को इस तरह विस्तृत करते हैं कि विचारों और आत्मान्वेषण का बहुत बड़ा परिप्रेक्ष्य धीरे-धीरे खुलता चला जाता है। उनकी भाषा में स्पष्टता है। वे जटिल विचारों को भी बहुत ही सरलता और नरमी से पाठक तक पहुँचाते हैं, और उन विषयों से पाठक का संवाद कराते हैं।
यह उनकी भेंटवार्ताओं की तीसरी पुस्तक है। इसको पढ़ना अपने समय के शीर्षस्थ तथा अत्यन्त सजग और जानकार लेखक के न केवल रचना-जगत बल्कि उनके निजी संसार और दृष्टिकोण से भी निकट परिचय प्राप्त करना है। यह उनके और हमारे बारे में एक मूल्यवान दस्तावेज़ है।
Language | Hindi |
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Binding | Paper Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 2023 |
Edition Year | 2023, Ed. 1st |
Pages | 232p |
Price | ₹595.00 |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 22 X 14.5 X 2 |