Jeene Ki Jid

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Jeene Ki Jid
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खुशियों का एक बड़ा फॉर्मूला हमारे प्राचीन दर्शन और संस्कृति में बार-बार दोहराया गया है। यह सच है कि प्रतिस्पर्धा के नए दौर में प्राचीन दर्शन में कही गई इच्छाओं के दमन, त्याग और सन्यास की बातें बेमानी-सी लगती हैं, मगर इसका यह अर्थ कतई नहीं कि पूर्व में कही गई इन बातों का कोई महत्त्व नहीं। समय की कसौटी पर कसी हुई ये प्राचीन शिक्षाएँ आज भी उतनी ही तर्कसंगत और उपयोगी हैं जितनी कि पहले कभी हुआ करती थीं। इच्छाओं की अनियंत्रित उड़ान एक सीमा के बाद निराशा, दु:ख और अवसाद का कारण बनती ही है, मगर दूसरी तरफ इच्छाओं का कुशल प्रबन्धन सफलता के सफर का शक्तिशाली ईंधन बन सकता है। खुशी और सफलता, दोनों का साथ मिले, इसके लिए जरूरी है कि हम अपने लक्ष्य और इच्छाओं की सीमा स्वयं ही तय करें।­

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Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 136p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Funda (An imprint of Radhakrishna Prakashan)
Dimensions 22 X 14 X 1
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Dr. Ramesh Agarwal

Author: Dr. Ramesh Agarwal

डॉ. रमेश अग्रवाल

मूलत: अजमेर के रहने वाले डॉ. रमेश अग्रवाल का जन्म 7 जुलाई, 1954 को हुआ। वे पिछले 46 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। उन्होंने लगभग 26 वर्षों तक ‘दैनिक भास्कर’ में स्थानीय सम्पादक तथा राजस्थान के सम्पादक समन्वय के रूप में कार्य किया है। इससे पूर्व उन्होंने राजस्थान के प्रमुख पत्र ‘दैनिक नवज्योति’ में लगभग 20 वर्षों तक पत्रकारिता की। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में उनके लेख, सम्पादकीय एवं स्तम्भ प्रकाशित हुए हैं। समसामयिक घटनाक्रमों पर लिखे उनके कॉलम ‘चकल्लस’ नें इन्हें खासी लोकप्रियता दिलाई। उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं—समाचार परीक्षण, व्यावहारिक समाचार संकलन व लेखन, भीड़ में तन्हाइयाँ, चकल्लस, सिटी रिपोर्टिंग, जीने की जिद। उन्होंने राजस्थान के अनेक कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों में पत्रकारिता का अध्यापन किया है। वर्तमान में वे दैनिक भास्कर में सम्पादकीय सलाहकार की भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं।

ई-मेल : ramesh.ag7@gmail.com

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