Hindi Patrakarita Samvad Aur Vimarsh

Communication and Media Studies
You Save 30%
Out of stock
Only %1 left
SKU
Hindi Patrakarita Samvad Aur Vimarsh

कैलाश नाथ पाण्डेय की यह पुस्तक हिन्दी-पत्रकारिता के विविध आयामों—विशेषकर उसके इतिहास और विकास को जिस तरह विषय की समग्रता और विस्तार से प्रस्तुत करती है; वैसा कहीं अन्यत्र देखने को नहीं मिलता। उन्होंने पत्रकारिता से जुड़े हर तथ्य और जानकारी को एक पर्यटनशील अन्वेषक और अध्येता की तरह इस प्रकार संयोजित किया है कि यह पुस्तक एक साथ ही पत्रकारिता का विश्व-कोश, शास्त्र, विज्ञान और इतिहास-ग्रन्थ बन गई है।

अपनी इस पुस्तक में लेखक ने न सिर्फ़ पत्रकारिता से सम्बन्धित तथ्यों-सत्यों, सूचनाओं और ऐतिहासिक स्मृतियों को संकलित किया है, बल्कि अपनी सरल, काव्यात्मक और सम्प्रेषणीय शैली में पत्रकारिता से जुड़े गरिष्ठ, क्लिष्ट और दुरूह ज्ञान को अत्यन्त बोधगम्य, सुपाच्य और सर्वसुलभ किया है। पाँच पर्वों एवं अनेक भागों में विभाजित यह पुस्तक पत्रकारिता के विविध रूप-प्रकारों से आरम्भ होकर उसके अस्तित्व तथा सृजन के सभी स्तरों और चरणों की विस्तृत पड़ताल करती है। हिन्दी पत्रकारिता के वर्तमान और इतिहास से लेकर पत्रकारिता के वैश्विक परिदृश्य तक; मुद्रित पत्रकारिता से लेकर मुद्रण-शिल्प-विज्ञान के तकनीकी पक्षों—अक्षर-संयोजन के शुद्धीकरण (प्रूफ़ रीडिंग), पृष्ठ-सज्जा तक; समाचार-लेखन और रचना-व्यवहार के सभी पहलुओं जैसे—प्रेषण, प्रस्तुति, वितरण और प्रबन्धन तक को लेखक ने पूरी सूक्ष्मता, सजीवता और प्रामाणिकता के साथ समेटा है।

समाचार-पत्र लेखन से सम्बन्धित पत्रकारिता की सभी विधाओं पर प्रकाश डालते हुए प्रेस-आयोग, भारतीय प्रेस-परिषद्, प्रसार भारती जैसे संगठनात्मक एवं संवैधानिक निकायों से लेकर नए-पुराने मीडिया-क़ानूनों तथा संवैधानिक प्रावधानों तक इस पुस्तक का फलक इतना अधिक समाहारी और विस्तृत है कि इसे पत्रकारिता सम्बन्धी ज्ञान का विश्व-कोश ही कहना उचित होगा। यह पुस्तक पत्रकारिता के जिज्ञासु, अध्येता एवं विद्यार्थी सभी के लिए एकल समाधान होने का दावा कर सकती है।

—राम प्रकाश कुशवाह

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2017
Edition Year 2017, Ed. 1st
Pages 784p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 25 X 16 X 4
Write Your Own Review
You're reviewing:Hindi Patrakarita Samvad Aur Vimarsh
Your Rating

Editorial Review

It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using 'Content here

Kailash Nath Pandey

Author: Kailash Nath Pandey

कैलाश नाथ पाण्डेय

डॉ. कैलाश नाथ पाण्डेय की ख्याति एक चर्चित भाषा-वैज्ञानिक के रूप में है। आप ग़ाज़ीपुर जनपद की सैदपुर तहसील स्थित ग्राम—रामपुर माँझा के निवासी हैं। आपने बी.ए., स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ग़ाज़ीपुर (उत्तर प्रदेश) तथा एम.ए. केन्दीय विश्वविद्यालय सागर (मध्य प्रदेश) से उत्तीर्ण किया। लगभग चालीस वर्षों तक हिन्दी-अध्यापन के पश्चात् स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मलिकपुरा, ग़ाज़ीपुर के हिन्दी विभागाध्यक्ष-पद से सेवानिवृत्त।

आपकी प्रमुख कृतियाँ हैं—‘भाषा विज्ञान का अनुशीलन', ‘भाषा विज्ञान का रसायन’, ‘हिन्दी : कुछ नई चुनौतियाँ’, ‘सन्त सुन्दरदास’, ‘उर्दू : दूसरी राजभाषा’, ‘प्रयोजनमूलक हिन्दी की नई भूमिका’, ‘कार्यालयीय हिन्दी’, ‘हिन्दी पत्रकारिता : संवाद और विमर्श’, ‘हिन्दी आलोचना का अन्त:पाठ’, ‘प्रयोजनमुलक हिन्दी की संकल्पना’ आदि।

आप ‘उदय नारायण तिवारी स्मृति सम्मान’, ‘पाणिनी पुरस्कार’, ‘श्यामसुन्दर दास पुरस्कार’, ‘सारस्वत सम्मान’, ‘धर्मवीर भारती पुरस्कार’ आदि से सम्मानित किए जा चुके हैं।

 

Read More
Books by this Author

Back to Top