Hindi Kavita : Abhi, Bilkul Abhi

Literary Criticism
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Hindi Kavita : Abhi, Bilkul Abhi

अपनी इस पुस्तक में नामवरोत्तर हिन्दी आलोचना के अग्रगण्य आलोचक
डॉ. नंदकिशोर नवल ने अपने समकालीन कवियों की कविता पर विचार किया है। ये वे कवि हैं, जिनके साथ वे उठे हैं, दौड़े हैं और झगड़े हैं; स्वभावत: इन कवियों पर लिखना अग्नि–परीक्षा से गुज़रना था, लेकिन साहित्य की पवित्रता की पूरी तरह से रक्षा करते हुए वे उसमें सफल हुए हैं। कभी–कभी उन्होंने कवियों की त्रुटियों की ओर भी संकेत किया है, लेकिन उसका ज़रूरत से ज़्यादा महत्त्व नहीं है, क्योंकि उनका लक्ष्य कवियों के वैशिष्ट्य का निरूपण रहा है और यह कार्य उन्होंने पूरे वैदग्ध्य से किया है। एक पीढ़ी के कवियों की पारस्परिक भिन्नता को रेखांकित करना आसान नहीं है, लेकिन उनकी कविताएँ उनकी नसों में इस क़दर प्रवाहित रही हैं कि उसमें उन्हें ज़रा भी दिक़्क़त नहीं हुई है।

डॉ. नवल आलोचना साधारण पाठकों को सामने रखकर लिखते हैं। इतना ही नहीं, वे उनके साथ चलते हैं, उन्हें प्रासंगिक संस्मरण सुनाते हैं और घुमाते हुए कवि की सम्पूर्ण चित्रशाला का दर्शन करा देते हैं। वे उस आलोचना के सख़्त ख़िलाफ़ हैं, जो कविता की ज़मीन छोड़कर चील की तरह आकाश की गहराइयों में उड़ती है और वहाँ उड़ते कीड़ों की जगह पाठकों का शिकार करती है। ऐसी आलोचना पाठकों को आतंकित जितना कर ले, उसकी मित्र और बन्धु नहीं बन पाती।

निश्चय ही आलोचना कविता को कहानी या यात्रा–वर्णन बना देना नहीं है, लेकिन यदि उसे ‘रचना’ का ओहदा प्रदान करना है, तो उसमें रचना जैसी संवेदनशीलता लानी होगी। संवेदनशीलता के साथ स्पष्टता और आत्मीयता डॉ. नवल की ऐसी विशेषताएँ हैं, जिन्हें सराहते ही बनता है। अन्त में उनके बारे में यही कहा जा सकता है कि ‘अब निर्मल जल–भर है, सेवार नहीं है’।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2014
Edition Year 2014, Ed. 1st
Pages 256p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 2
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Editorial Review

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Nandkishore Naval

Author: Nandkishore Naval

नंदकिशोर नवल

जन्म : 2 सितंबर,  1937 ( चाँदपुरा, वैशाली, बिहार)।

शिक्षा : एम.ए. (हिंदी), पी-एच.डी. (निराला का काव्य-विकास)।

पटना विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में प्राध्यापक रहे।

प्रमुख मौलिक कृतियाँ : हिंदी आलोचना का विकास, मुक्तिबोध : ज्ञान और संवेदना, निराला : कृति से साक्षात्कार, मैथिलीशरण, तुलसीदास, सूरदास, रीतिकाव्य, दिनकर : अर्धनारीश्वर कवि, समकालीन काव्य-यात्रा, मुक्तिबोध की कविताएँ : बिंब-प्रतिबिंब, पुनर्मूल्यांकन, शताब्दी की कविता, निराला-काव्य की छवियाँ, कविता के आर-पार, कविता : पहचान का संकट, निकष, रचनालोक, आधुनिक हिंदी कविता का इतिहास, हिंदी कविता : अभी, बिल्कुल अभी।

प्रमुख संपादित  कृतियाँ : निराला रचनावली 

(आठ खंड), दिनकर रचनावली (आरंभिक पाँच काव्य-खंड), मैथिलीशरण संचयिता, नामवर संचयिता, स्वतंत्रता पुकारती, मुक्तिबोध : कवि-छवि, निराला : कवि-छवि, हिंदी साहित्य-शास्त्र, छायांतर, संधि-वेला, अंत-अनंत, कामायनी-परिशीलन, खुल गया है द्वार एक, हिंदी की कालजयी कहानियाँ, बीसवीं शती : कालजयी साहित्य, पदचिन्ह। 

मुख्य संपादित पत्रिकाएँ : सिर्फ, धरातल, उत्तरशती, आलोचना (सह-संपादक के रूप में),  कसौटी।

निधन : 12 मई, 2020

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