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Madan Kashyap
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मदन कश्यप
मदन कश्यप का जन्म 29 मई, 1954 को बिहार के वैशाली जनपद के एक गाँव में हुआ। उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं—‘लेकिन उदास है पृथ्वी’, ‘नीम रोशनी में’, ‘कुरुज’, ‘दूर तक चुप्पी’, ‘अपना ही देश’ और ‘पनसोखा है इन्द्रधनुष’ (कविता-संग्रह); ‘कवि ने कहा’, ‘75 कविताएँ’ (संचयन); ‘मतभेद’, ‘लहूलुहान लोकतंत्र’, ‘राष्ट्रवाद का संकट’, ‘लॉकडाउन डायरी’ और ‘बीजू आदमी’ (गद्य)।
वैचारिक आलेख, आलोचना और सामाजिक-राजनीतिक विषयों पर टिप्पणियों का भी नियमित लेखन। मजदूर आन्दोलन की पत्रिका ‘श्रमिक सॉलिडेरिटी’ (धनबाद) से लेकर ‘दि पब्लिक एजेंडा’ (नई दिल्ली) तक कई पत्रिकाओं के सम्पादन से सम्बद्ध रहे। कुछ पुस्तकों का भी सम्पादन किया।
कविताओं का कुछ विदेशी और अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद। विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित समकालीन कविता के संकलनों में रचनाएँ शामिल। बिहार के विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में समकालीन कवि के रूप में पढ़ाए जाते हैं। कुछ अन्य पाठ्यक्रमों में भी कविताएँ शामिल। उनके कवि-कर्म पर केन्द्रित तीन पुस्तकें प्रकाशित हैं—‘ज़्यादा प्राचीन है वेदना की नदी’ (ए. अरविंदाक्षन), ‘मदन कश्यप की काव्य चेतना’ (देवशंकर नवीन) और ‘मदन कश्यप का कविकर्म’ (अरुण होता)। दूरदर्शन, आकाशवाणी, साहित्य अकादेमी, नेशनल बुक ट्रस्ट सहित साहित्य के शीर्ष संस्थानों में काव्य-पाठ एवं व्याख्यान। 2008 से 2017 तक दूरदर्शन पर पुस्तक-चर्चा के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘शब्द निरन्तर’ का नियमित प्रसारण। इन नौ वर्षों के दौरान लगभग 400 पुस्तकों पर नामवर सिंह के साथ बातचीत।
‘दिनकर राष्ट्रीय सम्मान’ (2024), ‘अज्ञेय शब्द शिखर सम्मान’ (2022), ‘नागार्जुन पुरस्कार’ (2016), ‘केदार सम्मान’ (2015) ‘शमशेर सम्मान’ (2008), ‘बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान’ (1994) सहित अन्य कई सम्मानों से सम्मानित।