Fighter Ki Diary-Paper Back

Author: Maitreyi Pushpa
Special Price ₹175.50 Regular Price ₹195.00
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ISBN:9788126722877
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वर्दी क्या होती है, जानती हो? वह क्या महज़ कोई पोशाक होती है, जैसा कि समझा जाता है।

सुनो वह पोशाक के रूप में ‘ताक़त’ होती है। उसी ताक़त को तुम चाहती हो। जिसको कमज़ोर मान लिया गया है, उसे ताक़त की तमन्ना हर हाल में होगी। हाँ, वह वर्दी तुम पर फबती है। ताक़त या शक्ति हर इनसान पर फबती है। लेकिन फबती तभी है जब वर्दीरूपी ताक़त का उपयोग नाइंसाफ़ी से लड़ने के लिए होता है। यह मनुष्यता को बचाने के लिए तुम्हें सौंपी गई वह ताक़त है, जो तुम्हारे स्वाभिमान की रक्षा करती है। सच मानो वर्दी तुम्हारी शख़्सियत का आईना है।

स्त्री की कोशिश में अगर ज़िद न मिलाई जाए तो उसका मुक़ाम दूर ही रहेगा। सच में औरत की अपनी ज़िद ही वह ताक़त है जो उसे रूढ़ियों, जर्जर मान्यताओं के जंजाल से खींचकर खुली दुनिया में ला रही है। नहीं तो सुमन जैसी लड़कियों की पढ़ाई छुड़वाकर उसे घर बिठा दिया जाता। मेरे ख़याल में आप त्रियाहठ का अर्थ उस तरह समझ रही हैं कि जो दृढ़ संकल्प हमारे जीवन को उन्नति की ओर ले जाए।

‘नहीं, शादी नहीं। मैं घर से भाग जाऊँगी’ अम्मी के सामने यह कहा तो अम्मी की आँखें कौड़ी की तरह खुली रह गर्इं। उनके होंठों में हरकत थी, जैसे कह रही हों—भाग जाएगी! भाग जाएगी!!—उन्होंने जो साफ़ तौर पर कहा, वह तीर की तरह चुभा हिना को—‘भाग जा, रंडियों के कोठे पर बैठ जाना और तू करेगी क्या?’

—इसी पुस्तक से।

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Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2012
Edition Year 2016, Ed. 2nd
Pages 232p
Price ₹195.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1
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Maitreyi Pushpa

Author: Maitreyi Pushpa

मैत्रेयी पुष्‍पा

 

जन्म : 30 नवम्बर, 1944; अलीगढ़ ज़ि‍ले के सिकुर्रा गाँव में।

आरम्भिक जीवन : ज़ि‍ला झाँसी के खिल्ली गाँव में।

शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी साहित्य), बुन्देलखंड कॉलेज, झाँसी।

प्रमुख कृतियाँ : ‘चिन्हार’, ‘गोमा हँसती है’, ‘ललमनियाँ तथा अन्य कहानियाँ’, ‘पियरी का सपना’, ‘10 प्रतिनिधि कहानियाँ’, ‘समग्र कहानियाँ’ (कहानी-संग्रह); ‘बेतवा बहती रही’, ‘इदन्नमम’, ‘चाक’, ‘झूला नट’, ‘अल्मा कबूतरी’, ‘अगनपाखी’, ‘विजन’, ‘कही ईसुरी फाग’, ‘त्रिया हठ’, ‘गुनाह-बेगुनाह’, ‘फ़रिश्ते निकले’ (उपन्यास); ‘कस्तूरी कुंडल बसै’, ‘गुड़िया भीतर गुड़िया’ (आत्मकथा); ‘खुली खिड़कियाँ’, ‘सुनो मालिक सुनो’, ‘चर्चा हमारा’, ‘आवाज़’, ‘तब्दील निगाहें’ (स्त्री-विमर्श); ‘फ़ाइटर की डायरी’ (रिपोर्ताज)।

‘फ़ैसला’ कहानी पर टेलीफ़ि‍ल्म 'वसुमती की चिट्ठी’ और ‘इदन्नमम’ पर 'मंदा हर युग में’ धारावाहिक का प्रसारण।

प्रमुख सम्मान : ‘सार्क लिट्रेरी अवार्ड’, 'द हंगर प्रोजेक्ट’ (पंचायती राज) का ‘सरोजिनी नायडू पुरस्कार’, ‘मंगला प्रसाद पारितोषिक’, ‘प्रेमचन्द सम्मान’, हिन्दी अकादमी का ‘साहित्यकार सम्मान’, मध्य प्रदेश साहित्य परिषद का ‘वीरसिंह जूदेव पुरस्कार’, ‘कथाक्रम सम्मान’, ‘शाश्वती सम्मान’ एवं उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का ‘महात्मा गांधी सम्मान’ आदि।

वर्तमान में हिन्दी अकादमी, दिल्ली में उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत रहीं।

 

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