Dudiya : Tere Jalte Hue Mulk Mein-Hard Cover

Author: Vishwash Patil
Translator: Ravi Buley
Special Price ₹505.75 Regular Price ₹595.00
You Save 15%
ISBN:9789394902237
In stock
SKU
9789394902237
- +

शाश्वत सत्य यह था कि आदिवासी जंगल की सन्तान हैं। मगर वस्तुस्थिति यह थी कि उनमें से किसी के पास भी जंगल की जमीन का कोई पट्टा नहीं लिखा था। न ही उनमें इतनी समझ थी कि उस जमीन को अपने नाम लिखाकर रखें। अपने पूर्वजों की तरह वह उस जमीन पर खेती करते थे। जंगल से जीवन यापन करते थे। लेकिन साठ के दशक में अचानक वन अधिकारी नए नियम-कायदों की लाठी से लैस होकर वहाँ घुस गए। आदिवासियों को चूल्हे में जलाने के लिए, जंगलों की सूखी लकड़ियाँ बीनने तक से रोका जाने लगा। उनके भेड़-बकरियों को जंगल में चराने पर रोक लगा दी गई। आदिवासी स्तब्ध रह गए कि यह क्या! जहाँ वे अपना हक समझते थे, पीढ़ी-दर-पीढ़ी जिन जंगलों में रहते थे, वहाँ किसका राज आ गया।

–इसी पुस्तक से

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 174p
Price ₹595.00
Translator Ravi Buley
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Dudiya : Tere Jalte Hue Mulk Mein-Hard Cover
Your Rating
Vishwash Patil

Author: Vishwash Patil

विश्वास पाटील

विश्वास पाटील मराठी भाषा में लिखने वाले अत्यन्त महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठा प्राप्त उपन्यासकार हैं। उनके अनेक उपन्यास मराठी से ​हिन्दी सहित तमाम भारतीय भाषाओं में अनूदित होकर लोकप्रिय हुए हैं। उनके ‘पानीपत’, ‘महानायक’ और ‘सम्भाजी’ उपन्यासों को वेस्टलैंड और ‘झाड़ाझड़ती’ को हैचेट ने अंग्रेजी में प्रकाशित किया है।

‘झाड़ाझड़ती’ और उसके बाद प्रकाशित उपन्यास ‘नागकेशर’ के विशिष्ट सन्दर्भ में उनके सम्पूर्ण साहित्यिक योगदान को ध्यान में रखते हुए विश्वास पाटील को अत्यन्त प्रतिष्ठित ‘इन्दिरा गोस्वामी राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। इससे पूर्व उन्हें ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘प्रियदर्शनी नेशनल अवार्ड’, गोवा के ‘नाथमाधव पुरस्कार’ और कोलकाता के भारतीय भाषा परिषद् के ‘साहित्य पुरस्कार’ समेत बीते बत्तीस वर्षों में साठ से अधिक साहित्य पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। पाटील के साहित्यिक वैभव का गौरव गान राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित सुनील गंगोपाध्याय, अमिताव घोष और इन्दिरा गोस्वामी जैसे साहित्यकारों ने किया है।

महाराष्ट्र राज्य शासन की सेवा में आईएएस अधिकारी होने के नाते विश्वास पाटील ने शिरडी में अन्तरराष्ट्रीय विमानतल के वर्षों से रुके पड़े काम को तीव्र गति से मात्र 14 महीने में पूरा करा दिया था।

हाल में श्री पाटिल के लिखे ‘अण्णा भाऊंची दर्दभरी दास्तान’ नाम के चरित्रग्रंथ ने मराठी साहित्य रसिकों का ध्यान आकर्षित किया है। उनका उपन्यास ‘दुड़िया’ हिन्दी के साथ ओड़िया भाषा में भी प्रकाशित हो चुका है।

ई-मेल : authorvishwaspatil@gmail.com

Read More
Books by this Author
Back to Top