Mahasamrat : Pehla Khand—Jhanjhawaat

Author: Vishwash Patil
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Mahasamrat : Pehla Khand—Jhanjhawaat
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छत्रपति शिवाजी के बारे में कौन नहीं जानता! महाराष्ट्र में स्वाधीनता का अलख जगाने वाले और आगे चलकर सम्पूर्ण भारत के लिए आत्मसम्मान, संघर्ष और साहस का प्रतीक बन जाने वाले शिवाजी पर अनेक लेखकों ने कलम चलाई है। कई विदेशी इतिहासकारों और लेखकों ने भी उनकी जीवनियाँ और ऐतिहासिक वृत्तान्त लिखे हैं।

‘महासम्राट’ उन सबसे अलग है। मराठी के विख्यात उपन्यासकार विश्वास पाटील द्वारा लिखित यह महाआख्यान उनके सुदीर्घ शोध और अपने नायक के प्रति गहन प्रेम और श्रद्धा का परिणाम है। लेखक ने इस वृहत उपन्यास में उन तथ्यों पर भी प्रकाश डाला है जो अभी तक लेखकों की‌ निगाह से छूट जा रहे थे। मसलन, शिवाजी के व्यक्तित्व और चरित्र के शिल्पकार, उनके पिता शाहजी राजे भोसले की उनके जीवन में भूमिका। इस उपन्यास में न सिर्फ उनके, बल्कि तत्कालीन इतिहास से प्राप्त अनेक पात्रों और घटनाओं को भी पर्याप्त जगह दी गई है ताकि आज का पाठक शिवाजी की सम्पूर्ण छवि को अपनी कल्पना में साकार कर सके।

विस्तृत शोध और शिवाजी से जुड़े अनेक स्थलों की यात्राओं के कारण ही यह सम्भव हो पाया है कि उपन्यासकार के रूप में लेखक ने जहाँ कल्पना का हाथ पकड़ा है, तो उसे भी वे इतिहास-सम्मत तथ्यों के रास्ते पर ही लेकर बढ़े हैं। लगातार शोध ​के चलते लेखक को शिवाजी से सम्बन्धित इतनी सामग्री मिली कि एक उपन्यास की बजाय उन्होंने एक उपन्यास-शृंखला की योजना बनाई है, जिसकी यह पहली कड़ी है—‘झंझावात’। शिवाजी के सम्पूर्ण जीवन को एक उपन्यास में समेटना यूँ भी सम्भव नहीं है।

मूल मराठी में इस उपन्यास को एक मील का पत्थर माना गया है। इसका एक कारण इसकी तथ्यात्मकता है, और दूसरा आख्यान के रूप में इसकी परिपक्वता, भाषा-सामर्थ्य और शैली-सौष्ठव जिसको मूल पाठ की तारतम्यता के साथ इस हिन्दी अनुवाद में प्रस्तुत किया गया है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 432p
Translator Ravi Buley
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 3.5
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Vishwash Patil

Author: Vishwash Patil

विश्वास पाटील

विश्वास पाटील मराठी भाषा में लिखने वाले अत्यन्त महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठा प्राप्त उपन्यासकार हैं। उनके अनेक उपन्यास मराठी से ​हिन्दी सहित तमाम भारतीय भाषाओं में अनूदित होकर लोकप्रिय हुए हैं। उनके ‘पानीपत’, ‘महानायक’ और ‘सम्भाजी’ उपन्यासों को वेस्टलैंड और ‘झाड़ाझड़ती’ को हैचेट ने अंग्रेजी में प्रकाशित किया है।

‘झाड़ाझड़ती’ और उसके बाद प्रकाशित उपन्यास ‘नागकेशर’ के विशिष्ट सन्दर्भ में उनके सम्पूर्ण साहित्यिक योगदान को ध्यान में रखते हुए विश्वास पाटील को अत्यन्त प्रतिष्ठित ‘इन्दिरा गोस्वामी राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। इससे पूर्व उन्हें ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘प्रियदर्शनी नेशनल अवार्ड’, गोवा के ‘नाथमाधव पुरस्कार’ और कोलकाता के भारतीय भाषा परिषद् के ‘साहित्य पुरस्कार’ समेत बीते बत्तीस वर्षों में साठ से अधिक साहित्य पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। पाटील के साहित्यिक वैभव का गौरव गान राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित सुनील गंगोपाध्याय, अमिताव घोष और इन्दिरा गोस्वामी जैसे साहित्यकारों ने किया है।

महाराष्ट्र राज्य शासन की सेवा में आईएएस अधिकारी होने के नाते विश्वास पाटील ने शिरडी में अन्तरराष्ट्रीय विमानतल के वर्षों से रुके पड़े काम को तीव्र गति से मात्र 14 महीने में पूरा करा दिया था।

हाल में श्री पाटिल के लिखे ‘अण्णा भाऊंची दर्दभरी दास्तान’ नाम के चरित्रग्रंथ ने मराठी साहित्य रसिकों का ध्यान आकर्षित किया है। उनका उपन्यास ‘दुड़िया’ हिन्दी के साथ ओड़िया भाषा में भी प्रकाशित हो चुका है।

ई-मेल : authorvishwaspatil@gmail.com

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