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Edition: 2018, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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9789387462625-ebook

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Language Hindi
Binding Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 1st
Pages 160p
Price ₹150.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1.5
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Dilip Pandey

Author: Dilip Pandey

दिलीप पांडेय

दिलीप पांडेय ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के छोटे-से क़स्बे जमानिया से अपनी स्नातक (अंग्रेज़ी एवं अर्थशास्त्र) की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उनका रुझान कम्प्यूटर की पढ़ाई की तरफ़ हुआ जिसे आगे बढ़ाते हुए उन्होंने राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से 2005 में एमसीए किया। वे किशोरावस्था से स्थानीय अख़बारों, पत्रिकाओं में लेख और कहानियाँ लिखते रहे और अपने क़स्बे के सामाजिक आन्दोलनों में सक्रिय भूमिका भी निभाते रहे।

वर्षों तक देश-विदेश में प्रतिष्ठित आईटी कम्पनियों में काम करते हुए दर्जन-भर देशों की अलग-अलग संस्कृति, वेशभूषा से परिचय हुआ। अपने दो साल के हांगकांग प्रवास के दौरान दिलीप को भारत में अन्ना हजारे की अगुवाई में चल रहे ‘जन-लोकपाल आन्दोलन’ ने ख़ासा प्रभावित किया। इतना प्रभावित किया कि देश के लिए और ज्यादा करने की तड़प ने उन्हें भारत ला दिया। 32 साल की उम्र में नौकरी छोड़कर पत्नी व एक पुत्र (दो साल की अब एक पुत्री भी है) के साथ भारत आने का निर्णय काफ़ी मुश्किल रहा। और अब सामाजिक आन्दोलन का राजनीतिक वातावरण बनने के बाद संसद से लेकर सड़क तक के संघर्ष का वे अहम् हिस्सा हैं। इस संघर्ष को दिलीप ने जिया है, और निजी अनुभवों को, इतिहास के इस हिस्से को एक उपन्यास में दर्ज भी किया है।

भ्रष्टाचार से जमकर लोहा लेने की वजह से दिलीप पाण्डेय संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशंस) के भ्रष्टाचार विरोधी नॉन प्रॉफिट संस्थान ‘यूएनसीएसी’ के आजीवन सदस्य भी हैं। दिलीप की तीन किताबें (‘दहलीज पर दिल’, ‘खुलती-गिरहें’ एवं ‘कॉल सेंटर’ राजकमल प्रकाशन से) प्रकाशित हैं। वे खिलाड़ी हैं, तीरंदाजी (रिकर्व) में हिस्सा लेते हैं। 'राधिका प्रह्लाद फाउंडेशन' नाम से एक एनजीओ चलाते हैं, ग़रीब लोगों के इलाज में मदद करते हैं। कला-संस्कृति-संगीत में रुचि है, तो एक एनजीओ 'म्यूज़िक फ़ॉर ऑल’ भी चला रहे हैं, जो सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के बीच (फुटपाथ, झुग्गी-झोंपड़ी) और अनाथालयों में अपने म्यूज़िकल बैंड 'द फकीर कैफे’ के ज़रिए नि:शुल्क लाइव म्यूज़िकल इवेंट करते हैं। हिन्दी, उर्दू, भोजपुरी, संस्कृत, तेलुगू, अॅंग्रेज़ी, पंजाबी, बंगाली जैसी भाषाएँ बोल-समझ सकते हैं।

दिलीप 2019 के लोकसभा चुनाव में 'आम आदमी पार्टी’ की ओर से उत्तर-पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार थे। वर्तमान में वे 'आम आदमी पार्टी’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं।

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