Bhasha-Chintan Ke Naye Aayam-Text Book

ISBN: 9788180319105
Edition: 2010, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
₹60.00
In stock
SKU
9788180319105
- +
Share:

चिन्तन-मनन, ज्ञान के प्रसारण, सम्प्रेषण आदि के लिए भाषा की आवश्यकता है। भिन्न-भिन्न प्रयोजनों के लिए भाषा के अलग-अलग प्रारूप भी निर्मित हो जाते हैं। अन्य ज्ञान-विज्ञान की तरह भाषाविज्ञान में भी भाषा को विभिन्न कोणों से देखने-परखने की प्रक्रिया दृष्टिगोचर हो रही है। ‘भाषाविज्ञान’ जो आरम्भ में एक विषय के रूप में प्रतिष्ठित हुआ, वह आज एक ज्ञान का संकाय बन गया है। भाषा-चिन्तन की अनेक शाखाएँ-प्रशाखाएँ बनती जा रही हैं। साहित्य के अध्येताओं के लिए भाषा पर हो रहे विचारों तथा उनके निष्कर्षों से परिचित होना आवश्यक है।

विश्वास है कि भाषा-चिन्तन के नए क्षेत्रों का सांगोपांग परिचय पुस्तक के द्वारा पाठकों को मिल सकेगा। एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कृति।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2006
Edition Year 2010, Ed. 2nd
Pages 115p
Price ₹60.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 21 X 14 X 0.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Bhasha-Chintan Ke Naye Aayam-Text Book
Your Rating
Ramkishor Sharma

Author: Ramkishor Sharma

प्रो. रामकिशोर शर्मा

जन्म : 9 अक्टूबर, 1949 को भैरोपुर, सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश में)।

शिक्षा : इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डी.फ़िल. की उपाधि।

प्रकाशन : ‘अपभ्रंश मुक्तक काव्य और उसका हिन्दी पर प्रभाव’, ‘हिन्दी साहित्य का इतिहास’, ‘आधुनिक कवि’, ‘प्रेमचन्द की कहानियाँ : संवेदना और शिल्प’, ‘प्रयोजनमूलक हिन्दी’, ‘कबीरवाणी : कथ्य और शिल्प’, ‘हिन्दी साहित्य का समग्र इतिहास’ (आलोचना); ‘हिन्दी भाषा का विकास’, ‘आधुनिक भाषाविज्ञान के सिद्धान्त’, ‘भाषाविज्ञान’, ‘हिन्दी भाषा और लिपि’, ‘भाषा चिन्तन के नए आयाम’ (भाषाविज्ञान); गौरी (उपन्यास)। सम्पादन : ‘सम्मेलन पत्रिका’।

सम्मान : ‘अक्षयवट’, ‘हिन्दुस्तानी अकादमी’, ‘नागरी प्रचारिणी सभा’ आदि संस्थाओं द्वारा सम्मानित।

भारत के अनेक विश्वविद्यालयों, लोक सेवा आयोगों में शैक्षणिक एवं मूल्यांकन सम्बन्धी कार्यों में सहयोग। लगभग 50 राष्ट्रीय, अन्‍तरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में भागीदारी। अनेक पुरस्कार समितियों के निर्णायक मंडल के सदस्य। पूर्व प्रबन्‍ध मंत्री, उपसभापति, भारतीय हिन्दी परिषद, इलाहाबाद। उपाध्यक्ष, साहित्यकार संसद, इलाहाबाद। साहित्य मंत्री, हिन्दी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद। 1979 से इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में कार्यरत, प्रवक्ता, उपाचार्य, आचार्य एवं अध्यक्ष पद का दायित्व सँभाले। अनेक शोध छात्रों एवं छात्राओं को डी.फ़िल. उपाधि के लिए कुशल निर्देशन के बाद अब सेवानिवृत।

 

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top