Arya Evam Hadappa Sanskritiyon Ki Bhinnata-Hard Cover

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ISBN:9788126713776
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9788126713776

यह पुस्तक आर्य एवं हड़प्पा सभ्यता का एक गहन अध्ययन है। इसमें प्रो. शर्मा ने आर्यों के मूल स्थान की खोज की कोशिश के साथ-साथ ज़्यादा ज़ोर इन सभ्यताओं के सांस्कृतिक पहलू पर दिया है।

लेखक ने अपने अध्ययन के दौरान इस पुस्तक में आर्य एवं हड़प्पा संस्कृतियों की भिन्नता को दर्शाया है। लेखक का मानना है कि हड़प्पा सभ्यता नगरी है लेकिन वैदिक सभ्यता में नगर का कोई चिह्न नहीं है। कांस्य युग का हड़प्पा सभ्यता में प्रमाण मिलता है। हड़प्पा में लेखन-कला प्रचलित थी लेकिन वैदिक युग में लेखन-कला का कोई प्रमाण नहीं है।

अपनी सूक्ष्म विश्लेषण-दृष्टि और अकाट्य तर्कशक्ति के कारण यह कृति भी लेखक की पूर्व-प्रकाशित अन्य कृतियों की तरह पठनीय और संग्रहणीय होगी, ऐसा हमारा विश्वास है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2007
Edition Year 2016, Ed. 2nd
Pages 124p
Price ₹300.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
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Ramsharan Sharma

Author: Ramsharan Sharma

रामशरण शर्मा

जन्म : 1 सितम्बर, 1920; बरौनी (बिहार)।

शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी. (लंदन); आरा, भागलपुर और पटना के कॉलेजों में प्राध्यापन (1959 तक), पटना विश्वविद्यालय में इतिहास के विभागाध्यक्ष (1958-73), पटना विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर (1959), दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर तथा विभागाध्यक्ष (1973-78), जवाहरलाल नेहरू फ़ेलोशिप (1969), भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष (1972-77), भारतीय इतिहास कांग्रेस के सभापति (1975-76), यूनेस्को की इंटरनेशनल एसोसिएशन फ़ॉर स्टडी ऑफ़ कल्चर्स ऑफ़ सेंट्रल एशिया के उपाध्यक्ष (1973-78), बम्‍बई एशियाटिक सोसायटी के 1983 के ‘कैंपवेल स्वर्णपदक’ से सम्मानित (नवम्बर, 1987), अनेक समितियों-आयोगों के सदस्य और भारतीय इतिहास अनुसन्‍धान परिषद के नेशनल फ़ैलो और सोशल साइंस प्रोबिंग्स के सम्‍पादक मंडल के अध्यक्ष भी रहे।

प्रमुख प्रकाशित पुस्तकें : ‘विश्व इतिहास की भूमिका’, ‘आर्य एवं हड़प्पा संस्कृतियों की भिन्नता’, ‘भारतीय सामंतवाद’, ‘प्राचीन भारत में राजनीतिक विचार एवं संस्थाएँ’, ‘प्राचीन भारत में भौतिक प्रगति एवं सामाजिक संरचनाएँ’, ‘शूद्रों का प्राचीन इतिहास’, ‘भारत के प्राचीन नगरों का पतन’, ‘पूर्व मध्यकालीन भारत का सामंती समाज और संस्कृति’।

हिन्दी और अंग्रेज़ी के अतिरिक्त प्रो. शर्मा की पुस्तकें अनेक भारतीय भाषाओं और जापानी, फ़्रांसीसी, जर्मन तथा रूसी आदि विदेशी भाषाओं में भी प्रकाशित हुई हैं।

निधन : 20 अगस्त, 2011

 

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