अगर आप भोजपुरी की मौजूदा सांस्कृतिक मुख्यधारा के साथ आलोचनात्मक सम्बन्ध विकसित करते हुए भोजपुरी जातीयता की पुनर्खोज करना चाहते हैं, अगर आप जीवन-संघर्षों के रस में सनी-पगी भोजपुरी की दूसरी परम्परा से अपने को जोड़ते हैं, अगर आप दया और घृणा के ध्रुवों के बीच विकसित होते इस इलाक़े के जीवन से कोई साबक़ा रखते हैं, तब यह संग्रह आपके ही लिए है।
Language | Bhojpuri |
---|---|
Binding | Hard Back, Paper Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 2020 |
Edition Year | 2020, 1st Ed. |
Pages | 151p |
Price | ₹160.00 |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 22 X 14 X 2 |