Ande Ke Chhilke : Anya Ekanki Tatha Beej Natak-Hard Cover

Author: Mohan Rakesh
Special Price ₹505.75 Regular Price ₹595.00
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ISBN:9788171193110
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9788171193110

आधुनिक हिन्दी नाटय साहित्य और कथा की दुनिया में मोहन राकेश का अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। हिन्दी-रंगान्दोलन को एक नई गति और समृद्धि देने में उनकी निर्णायक भूमिका रही है। ‘अंडे के छिलके : अन्य एकांकी तथा बीज नाटक’ उनके कई प्रयोगधर्मी एकांकियों का संग्रह है। प्रयोगशीलता को मोहन राकेश रंगमंच की भाषा और उसके मानवीय पक्ष की समृद्धि से जोड़कर देखते थे, अर्थात् रंगमंचीय उपकरणों की न्यूनता के बावजूद कठिन से कठिन प्रयोग कर पाने की क्षमता के साथ जोड़कर। जयदेव तनेजा राकेश के नाटकों की एक दुर्लभ विशेषता पर टिप्पणी करते हुए कहते हैं कि, ''उनके नाटकों में मंचीय सफलता और प्रदर्शनीयता के साथ-साथ साहित्यिकता और पठनीयता का भी विलक्षण गुण विद्यमान है। उनमें इन दोनों विशेषताओं का अद्‌भुत सामंजस्य हुआ है। नाटकों को पद्य मानने का ही यह परिणाम है कि उनके नाट्‌य-संवादों और रंग-निर्देशों की भाषा में कोई अन्तर नहीं है। सम्भवत: यही कारण है कि उनके नाटकों को देखते या सुनते हुए ही नहीं, पढ़ते हुए भी बीच में छोड़ना कष्टकर प्रतीत होता है।'' संक्षेप में, इस संग्रह में शामिल नाटकों को हम राकेश के बहुस्तरीय नाट्‌य-लेखन के समर्थ उदाहरणों के रूप में देख सकते हैं।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 1973
Edition Year 2022, Ed. 12th
Pages 160p
Price ₹595.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1.5
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Mohan Rakesh

Author: Mohan Rakesh

मोहन राकेश

‘नई कहानी’ के दौर के अग्रणी रचनाकारों में एक मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी, 1925 को जंडीवाली गली, अमृतसर में हुआ।

शिक्षा : संस्कृत में शास्त्री, अंग्रेज़ी में बी.ए., संस्कृत और हिन्दी में एम.ए.। जीविका के लिए लाहौर, मुम्बई, शिमला, जालन्‍धर और दिल्ली में अध्यापन, सम्पादन और स्वतंत्र-लेखन।

प्रकाशित पुस्तकें : ‘अँधेरे बन्द कमरे’, ‘अन्तराल’, ‘न आने वाला कल’, ‘काँपता हुआ दरिया’ (उपन्यास); ‘आषाढ़ का एक दिन’, ‘लहरों के राजहंस’, ‘आधे-अधूरे’, ‘पैर तले की ज़मीन’ (नाटक); ‘शाकुन्तल’, ‘मृच्छकटिक’ (अनूदित नाटक); ‘अंडे के छिलके : अन्य एकांकी तथा बीज नाटक’, ‘रात बीतने तक तथा अन्य ध्वनि नाटक’ (एकांकी); ‘क्वार्टर’, ‘पहचान’, ‘वारिस’, ‘एक घटना’ (कहानी-संग्रह); ‘बक़लम ख़ुद’, ‘परिवेश’ (निबन्ध); ‘आख़िरी चट्टान तक’ (यात्रावृत्त); ‘एकत्र’ (अप्रकाशित-असंकलित रचनाएँ); ‘बिना हाड़-मांस के आदमी’ (बालोपयोगी कहानी-संग्रह) तथा ‘मोहन राकेश रचनावली’ (13 खंड)।

विशेष : फ़िल्म वित्त निगम के निदेशक और फ़िल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य भी रहे।

सम्मान : सर्वश्रेष्ठ नाटक व सर्वश्रेष्ठ नाटककार के लिए ‘संगीत नाटक अकादेमी पुरस्कार’, ‘नेहरू फ़ेलोशिप’ आदि।

निधन : 3 दिसम्बर, 1972; नई दिल्ली।

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