Aarthik Samvridhi Aur Vikas

Economics
Author: V.C. Sinha
As low as ₹280.00 Regular Price ₹350.00
You Save 20%
In stock
Only %1 left
SKU
Aarthik Samvridhi Aur Vikas
- +

प्रस्तुत पुस्तक ‘आर्थिक संवृद्धि और विकास’ में अर्थशास्त्र में हुए नवीन विचारों, धारणाओं और सिद्धान्‍तों का समावेश किया गया है। प्रायः सभी अध्यायों में महत्‍त्‍वपूर्ण विषय सामग्री सम्मिलित की गई है। जटिल विषयों को सरल भाव में उदाहरणों और रेखाचित्रों द्वारा स्पष्ट किया गया है। विश्वव्‍यापीकरण के इस युग में राष्ट्र के आर्थिक, औद्योगिक एवं व्यावसायिक वातावरण के क्षेत्र में तेज़ी से परिवर्तन हो रहे हैं। इसके फलस्वरूप राष्ट्रीय एवं अन्‍तरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में जो एक नए आर्थिक परिवेश का निर्माण हो रहा है, उन्हें ध्यान में रखते हुए भारतीय आर्थिक नीति के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक आधार पर प्रस्तुत किया गया है। विश्वास है, प्रस्तुत पुस्तक अध्यापकों, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों तथा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेनेवाले परीक्षार्थियों की आवश्यकताओं को पूरा कर पाने में सफल होगी।

 

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2014
Edition Year 2014, Ed. 1st
Pages 567p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 24 X 19 X 2.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Aarthik Samvridhi Aur Vikas
Your Rating

Editorial Review

It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using 'Content here

V.C. Sinha

Author: V.C. Sinha

डॉ. वी.सी. सिन्हा

जन्म : 1940; ज़िला—सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश।

शिक्षा : इलाहबाद विश्वविद्यालय से एम.कॉम. की परीक्षा प्रथम श्रेणी में, एम.ए. अर्थशास्त्र की परीक्षा विक्रम विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की जिसमें प्रथम श्रेणी में प्रथम रहे। पीएच.डी. और डी.लिट्. की डिग्रि‍याँ आपने अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से प्राप्त कीं।

अध्यापन का लगभग 40 वर्षों का अनुभव। प्रारम्‍भ में लगभग 16 वर्षों तक मध्य प्रदेश के शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में वाणिज्य व अर्थशास्त्र विषयों के अध्यापन का कार्य किया। इसके पश्चात् अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में व्यावसायिक अर्थशास्त्र एवं व्यावसायिक प्रबन्धन विभाग के विभागाध्यक्ष तथा विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्यरत रहे। लगभग 50 रिसर्च पेपर राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। अर्थशास्त्र एवं वाणिज्य विषयों की 30 पुस्तकों का लेखन कार्य। ‘समष्टिगत अर्थशास्त्र’, ‘औद्योगिक अर्थशास्त्र’ तथा ‘अन्‍तरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र’ पुस्तकों का मराठी में भी अनुवाद किया है। बेनहम की पुस्तक ‘अर्थशास्त्र’ का हिन्‍दी में अनुवाद भी किया है। सम्प्रति डॉ. सिन्हा शोध-निदेशन व लेखन-कार्य के अतिरिक्त श्री रामकृष्ण सेवा संस्थान, रीवा के अध्यक्ष हैं जिसके माध्यम से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं।

 

 

 

Read More
Books by this Author

Back to Top