Vishya Chalchitra-Hard Cover

Author: Satyajit Ray
Translator: Ramshankar Dwivedi
Special Price ₹675.75 Regular Price ₹795.00
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ISBN:9788189914479
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9788189914479
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महान फिल्मकार सत्यजित राय द्वारा समय-समय पर लिखे गये फिल्म-सम्बन्धी अत्यन्त महत्त्वपूर्ण निबन्धों का संकलन है—विषय : चलचित्र।

फिल्म एक ऐसी कला-विधा है, अभिव्यक्ति का एक ऐसा माध्यम है, जिसमें साहित्य, संगीत, नाटक, चित्रकला आदि अनेक विधाओं का योग अपेक्षाकृत स्पष्टता से देखा जा सकता है। इसके बावजूद एक स्वायत्त कला-विधा के रूप में फिल्म का अपना वैशिष्ट‍्य है, जिसकी उपेक्षा करने पर उसके मर्म तक पहुँचना सम्भव नहीं है। इन्हीं दो बिन्दुओं को राय ने इस पुस्तक के निबन्धों में केन्द्रीय प्रस्थान-बिन्दु बनाया है जिससे एक तो फिल्म-कला की विशिष्टता उजागर हो सके और दूसरे, इस कला की सम्भावनाओं तथा सीमाओं पर विचार करने के लिए पाठक को आवश्यक बौद्धिक आधार मिल सके। पुस्तक में आये फिल्मों के वैश्विक सन्दर्भ इस आधार को व्यापकता प्रदान करते हैं।

जो सहजता और रोचकता राय के कथा-साहित्य में मिलती है, वह उनके इस कथेतर गद्य में भी पूरी तरह मौजूद है। फिल्म के सैद्धान्तिक तथा तकनीकी पक्ष पर लिखते हुए भी राय ने अनौपचारिकता बरकरार रखी है। इससे जो भाषिक प्रवाह निर्मित हुआ है, वह इसके पाठ को कहीं बोझिल नहीं होने देता।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2007
Edition Year 2023, Ed. 2nd
Pages 224p
Price ₹795.00
Translator Ramshankar Dwivedi
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan - Remadhav
Dimensions 20 X 13 X 1.5
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Satyajit Ray

Author: Satyajit Ray

सत्यजित राय 

2 मई, 1921 को गड़पार रोड, दक्षिणी कलकत्ता (बंगाल) में जन्म। पिता सुकुमार राय एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे।

प्रारम्भिक शिक्षा घर पर हुई। पाँच साल की आयु में माँ सुप्रभा राय के साथ भवानीपुर में नाना के घर जाकर रहने लगे। सन् 1936 में बालीगंज गवर्नमेंट हाई स्कूल से मैट्रिक पास किया।

बांग्ला फ़िल्मों के अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त निदेशक होने के साथ-साथ उच्च कोटि के संगीतकार, चित्रकार, छायाकार, पत्रकार और लेखक। बच्चों के लिए विशेष तौर पर काम किया है।

'पथेर पांचाली' उनकी विश्वप्रसिद्ध बांग्ला फ़िल्म है। हिन्दी सिनेमा को भी उन्होंने ‘सद्गति’ और ‘शतरंज के खिलाड़ी’ जैसी फ़िल्में दीं। अपनी कला-मर्मज्ञता के कारण वे कई उच्चस्तरीय राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय समितियों के पदाधिकारी रहे। ऑस्कर समेत अनेक पुरस्कारों से सम्मानित।

निधन : 23 अप्रैल, 1992

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