Vishay : Nar-Nari-Paper Back

Author: Bimal Mitra
Special Price ₹135.00 Regular Price ₹150.00
You Save 10%
ISBN:9788180319990
In stock
SKU
9788180319990
- +

प्रस्तुत उपन्यास में सुशीतल चटर्जी और अल्का नायर का प्रेम है जो सुशीतल के संयमित और प्रतिज्ञाबद्ध विद्यार्थी जीवन से आरम्भ होकर सुशीतल के पक्के जुआरी और शराबी होने तक जाता है, और दूसरी तरफ़ अल्का के एक मान की ऊँची छवि में स्थापित होने तक जो सुशीतल की दूसरी पत्नी से हुए बेटे की पढाई पर अपने जमा पैसे बिना हिचक खर्च कर देती है। दूसरा चरण सरपति राय के ख़ानदान का क़िस्सा है जो पुनः स्त्री-पुरुष सम्बन्ध के झोंकों में ही झूल जाता है। तीसरे उपन्यास में कुसमिया है—एक ईमानदार और सेवा-भाव से सम्पन्न सेविका जिसे अन्त में अपनी मालकिन के बेटे के ख़ून के इल्ज़ाम में फाँसी की सज़ा होती है।

‘विषय नर-नारी’ में बिमल मित्र ने जैसे लेखक होने की अपनी पहचान को भी बार-बार रेखांकित किया और जिया है। स्वतंत्र रूप से लेखन को ही अपना जीवन-ध्येय बनानेवाले उस ज़माने के ऐसे लेखकों की रचनाएँ स्वयं लेखन की प्रतिष्ठा हैं जिससे जनसाधारण पाठक के रूप में एक सजीव उपस्थिति की तरह जुड़ा रहता था। इस लिहाज़ से भी साहित्य की थाती में सुरक्षित ऐसी रचनाओं को

पढ़ा जाना चाहिए।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2015
Edition Year 2015, Ed. 1st
Pages 267p
Price ₹150.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 21.5 X 13.5 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Vishay : Nar-Nari-Paper Back
Your Rating
Bimal Mitra

Author: Bimal Mitra

बिमल मित्र

बांग्ला के प्रसिद्ध लेखक।

जन्म : 18 मार्च, 1912 को कोलकाता में।

शिक्षा : कोलकाता विश्वविद्यालय से एम.ए.।

अनेक कहानियों और लगभग 70 उपन्यासों के रचयिता बिमल मित्र बांग्लाभाषी समाज के अलावा हिन्दी व तमिल समाज में भी समान रूप से लोकप्रिय हैं।

प्रमुख कृतियाँ : ‘अन्यरूप’, ‘साहब बीबी गुलाम’, ‘मैं’, ‘राजाबदल’, ‘परस्त्री’, ‘इकाई दहाई सैकड़ा’, ‘खरीदी कौड़ियों के मोल’, ‘मुजरिम हाजिर’, ‘पति परम गुरु’, ‘बेगम मेरी विश्वास’, ‘चलो कलकत्ता’ (उपन्यास); ‘पुतुल दीदी’, ‘रानी साहिबा’ (कहानी-संग्रह); ‘कन्यापक्ष’ (रेखाचित्र)।

निधन : 2 दिसम्बर, 1991

Read More
Books by this Author
Back to Top