Tere Dar Pe : Bhakti Ke Naye Drishtikon

Edition: 2022, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Tere Dar Pe : Bhakti Ke Naye Drishtikon

हर प्राणी का अपना धर्म होता है। उसका मूल स्वभाव होता है। जैसे किसी विषैले जीव का धर्म है काटना या विष वमन करना। मनुष्य का धर्म है—करुणा और क्षमा। संस्कृति हमें यही सिखाती है कि हम जगत् के समस्त प्राणियों से करुणा करें, उन्हें क्षमा करें। यदि किसी विषैले जीव को भी हम मारते हैं, तो यह हमारे धर्म के प्रतिकूल है। वह हमारा धर्म नहीं है। हमारी असल परीक्षा ऐसे ही अवसरों पर होती है। हम अपने शत्रुओं के प्रति भी शुभकामनाओं से भरे हों और यथासम्भव करुणा और क्षमा के मार्ग का ही अनुसरण करें। इन श्रेष्ठतम मानवीय गुणों का पक्ष इतिहास में हर प्रबुद्ध और जाग्रत मनीषी ने लिया है।

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Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 256p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Rajesh P Meshwari

Author: Rajesh P Meshwari

डॉ राजेश पी. महेश्वरी

मध्य प्रदेश के शाजापुर ज़‍िले में स्थित अकोदिया मंडी में 30 दिसम्‍बर, 1963 को जन्म। स्कूली पढ़ाई अकोदिया मंडी के अलावा शाजापुर के बहुउद्देश्यीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में। इन्‍दौर के प्रसिद्ध होलकर विज्ञान महाविद्यालय से 1984 में स्नातक। 1985 में भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के लिए चयन और 1986 में इन्‍दौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में स्थानान्‍तरण। 1990 में डॉक्टरी की पढ़ाई पूर्ण। तत्पश्चात् चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में एक साल कार्य का अनुभव। कई साल तक इन्‍दौर की विश्व प्रसिद्ध कपड़ा मिलों के श्रमिक क्षेत्र की निर्धन बसाहटों में चिकित्सा सेवा। इसके उपरान्‍त गुलाबबाग कॉलोनी में सांईंकृपा हॉस्पिटल और सांईंसागर मन्दिर की स्थापना।

ई-मेल : rpmaheshwari00@gmail.com

वेबसाइट : www.saisagarindore.co.in

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