Soor AUR Unka Sahitya-Hard Cover

ISBN: 9789389243994
Edition: 2019, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
Special Price ₹510.00 Regular Price ₹600.00
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9789389243994
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सूरदास जी के साहित्य का कई दृष्टिकोणों से अध्ययन हुआ है और विद्वानों ने उच्चकोटि की साहित्यिक सामग्री प्रस्तुत की है, परन्तु उसका यथासम्भव सर्वांगीण विवेचन नहीं हुआ। इसी बात को दृष्टिकोण में रखकर यह प्रयास किया गया है और इस पुस्तक में सूर के जीवन-चरित से लेकर काव्य-पक्ष तक पर विचार किया गया है। सूर-साहित्य-विषयक सभी उपलब्ध सामग्री का उपयोग किया गया है।

यह सत्य है कि एक विशेष सम्प्रदाय में दीक्षित होने के कारण उसकी परम्पराओं का निर्वाह सूर ने अपना कर्तव्य समझा, परन्तु क्या वे सोलह आने उसका निर्वाह कर सके? इस प्रश्न का असन्दिग्ध उत्तर खोज निकालने में सन्देह है। भौतिकता से विरत हुए भक्त की तड़पन के साथ-साथ उनकी साधना में जीवन-मुक्त साधक की निर्मल उद्दाम आनन्दकेलि भी है। स्थूल रूप से इन दोनों प्रकार की भावनाओं को प्रस्तुत करनेवाले उनके पदों में हमें शताब्दियों से चले आते हुए भक्ति आन्दोलन का समन्वित रूप स्पष्ट दीख पड़ता है। पुस्तक में सूर-साहित्य के आधार का विवेचन करने के लिए भागवत के अतिरिक्त अन्य सभी वैष्णव सम्प्रदायों की भी छानबीन की गई है, और सभी वैष्णव-सम्प्रदायों का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत किया गया है।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2019
Edition Year 2019, Ed. 1st
Pages 411p
Price ₹600.00
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 24 X 16 X 2.5
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Author: Harbans Lal Sharma

हरबंशलाल शर्मा

जन्म : 1915 ई. में मेरठ, उत्तर प्रदेश।

शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी., डी.लिट्.।

अलीगढ़ विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रहे। सूर-साहित्य के विशेषज्ञ।

प्रमुख कृतियाँ : ‘सूर और उनका साहित्य’, ‘सूर समीक्षा’, ‘सूरदास’।

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