Shaheed Bhagat Singh : Kranti Ka Sakshya

Edition: 2009
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Shaheed Bhagat Singh : Kranti Ka Sakshya
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विगत कुछ वर्षों से शहीदे–आज़म भगतसिंह के बुत को अपनी–अपनी तरह तराशने की कोशिशें इतिहास, राजनीति और संस्कृति की दुनिया में हमें दिखाई पड़ीं। बुद्धिजीवियों और प्रगतिशीलों के मध्य भगतसिंह विमर्श का मुद्दा बने रहे। उनके अदालती बयान, आलेख, पत्र, निबन्ध, जेल नोटबुक उन्हें एक सचेत बौद्धिक क्रान्तिकारी बनाते हैं। वहीं दूसरी ओर उनका बेहद सक्रिय क्रान्तिकारी जीवन जिसकी शुरुआत उन्होंने 1925–26 से की थी और जिसका अन्त 23 मार्च, 1931 को लाहौर जेल में उनकी फाँसी से हुआ। अर्थात् कुल मिलाकर लगभग छह–सात वर्षों की तूफ़ानी ज़िन्दगी जहाँ वे काकोरी केस के रामप्रसाद बिस्मिल को फाँसीघर से छुड़ाने की ख़तरनाक योजना में अपनी प्रारम्भिक जद्दोजेहद करते दिखाई देते हैं। तब ‘बलवन्त सिंह’ नाम से उनकी इब्तदाई गतिविधियाँ जैसे भविष्य के गम्भीर क्रान्तिधर्मी की रिहर्सलें थीं। काकोरी की फाँसियों (1927) के पश्चात् भगतसिंह विचार की दुनिया में अद्भुत छलाँग लगाते हैं—अपने पूर्ववर्ती क्रान्तिकारी आन्दोलन को बहुत पीछे छोड़ते हुए।

भगतसिंह के समस्त दस्तावेज़ों, अदालती बयानों, पत्रों, रेखाचित्रों, निबन्धों, जेल नोटबुक और उनके मूल्यांकन सम्बन्धी अभिलेखीय साक्ष्यों के बीच उनके साथियों के लिखे संस्मरणों की यह प्रथम कृति भगतसिंह से प्यार करनेवाले लोगों के हाथों में सौंपते हुए मुझे निश्चय ही बड़ी प्रसन्नता है। इन दुर्लभ स्मृतियों को सामने रखकर वे भगतसिंह के जीवन और उस युग के क्रान्तिकारी घटनाक्रम की एक स्पष्ट छवि निर्मित करने के साथ ही अपने समय के सवालों से टकराने के लिए आगे की अपनी क्रान्तिकारी भूमिका की भी खोजबीन कर सकेंगे, ऐसी आशा है।

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Edition Year 2009
Pages 344p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
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Sudhir Vidyarthi

Author: Sudhir Vidyarthi

सुधीर विद्यार्थी
जन्म : 1 अक्तूबर, 1953 को पीलीभीत में। पैतृक घर शाहजहाँपुर का खुदागंज गाँव।

शिक्षा : एम.ए., इतिहास।

प्रकाशित कृतियाँ : ‘अशफ़ाक़उल्ला और उनका युग’, ‘शहीद रोशन सिंह’, ‘उत्सर्ग’, ‘हाशिया’, ‘मेरा राजहंस’, ‘शहीद अहमदउल्ला शाह’, ‘आमादेर विप्लवी’, ‘भगत सिंह की सुनें’ (पंजाबी में भी अनूदित), ‘शहीद भगतसिंह : इन्क़लाब का सफ़र’, ‘पहचान बीसलपुर’, ‘मेरे हिस्से का शहर’, ‘क्रान्तिकारी शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद की जीवन-कथा’, ‘अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद’ (सं.), ‘शहीद भगत सिंह: क्रान्ति का साक्ष्य’, ‘काला पानी का ऐतिहासिक दस्तावेज़’ (सं.), ‘कर्मवीर पं. सुन्दरलाल : कुछ संस्मरण’, ‘शहीदों के हमसफ़र’, ‘अपराजेय योद्धा कुँवर भगवान सिंह’, ‘गदर पार्टी भगत सिंह तक’ (सं.), ‘जब ज्योति जगी’ (सं.), ‘बुन्देलखंड और आज़ाद’, ‘क्रान्तिकारी बटुकेश्वर दत्त’, ‘आज का भारत और भगत सिंह’, ‘क्रान्ति की इबारतें’, ‘जखीरे में शाहदत’ (सं.) आदि।

1985 से साहित्य-विचार की पत्रिका ‘संदर्श’ का सम्पादन और प्रकाशन। आत्मकथात्मक संस्मरण 'मेरा राजहंस’ की एनएसडी सहित देश-भर में 23 नाट्य-प्रस्तुतियाँ। 'अशफ़ाक़उल्ला और उनका युग’ पुस्तक पर आधारित 'स्वराज्य’ का धारावाहिक डीडी-1 पर दो बार प्रदर्शन।

उत्तर प्रदेश के कर्मचारी-मज़दूर आन्दोलन में 20 वर्ष तक सक्रिय भागीदारी व प्रदेशीय नेतृत्व। इसी के तहत दो बार जेल-यात्रा, कई मुक़दमे व यातनाएँ।

सम्प्रति : स्वतंत्र लेखन एवं संस्कृति-कर्म।

ईमेल : vidyarthisandarsh@gmail.com

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