Sampoorn Kahaniyan : Alka Saraogi

Author: Alka Saraogi
Edition: 2024, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
As low as ₹359.10 Regular Price ₹399.00
10% Off
In stock
SKU
Sampoorn Kahaniyan : Alka Saraogi
- +
Share:

अलका सरावगी अपनी कहानी अकसर जीवन और अस्तित्व के उस बिन्दु से उठाती हैं, जहाँ सामान्यत: कोई कहानी दिखाई नहीं देती। यह उनका कौशल है कि ऐसे ही किसी अनदीखते से दृश्य को वे एक सम्पूर्ण कहानी में खोल देती हैं। अपने पात्रों की मन:स्थिति, समाज का अध्ययन और मनुष्य के अन्तर्जगत की उनकी बारीक समझ इस रचना-यात्रा में उनके साथ रहती है, जिसके परिणामस्वरूप न सिर्फ एक पठनीय कथा हमारे सामने होती है, बल्कि जीवन का भी एक अछूता पक्ष हम देख पाते हैं।

यह उनकी सम्पूर्ण कहानियों का संकलन है जिसमें उनकी अब तक की सभी कहानियों को शामिल कर लिया गया है; वे भी जो अभी तक किसी संकलन में नहीं आ पाई थीं। अपनी कहानियों के बारे में उनका कहना है कि इन कहानियों ने ‘मुझे अपने चारों ओर, और व्यापक समाज में फैली हुईं असमानताओं और उनसे जूझते आदमी व उसके आन्तरिक और बाहरी विस्थापन को समझने की दृष्टि दी।’

इन कहानियों से गुजरना एक नई तरह की दुनिया से गुजरना है, ख़ासतौर पर संरचना के स्तर पर अलका जी की कहानियों को पढ़ना एक भिन्न अनुभव है। यहाँ हम न सिर्फ कहानी पढ़ते हैं, बल्कि उसके बनने की प्रक्रिया से भी साक्षात्कार करते हैं।

एक संग्रहणीय संचयन! 

More Information
Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 296p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Sampoorn Kahaniyan : Alka Saraogi
Your Rating
Alka Saraogi

Author: Alka Saraogi

अलका सरावगी

अलका सरावगी का जन्म 17 नवम्बर, 1960 को हुआ। उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं—‘कलि-कथा वाया बाइपास’, ‘शेष कादम्बरी’, ‘कोई बात नहीं’, ‘एक ब्रेक के बाद’, ‘जानकीदास तेजपाल मैनशन’, ‘एक सच्ची-झूठी गाथा’, ‘कुलभूषण का नाम दर्ज कीजिए’,

‘गांधी और सरलादेवी चौधरानी’ (उपन्यास); ‘कहानी की तलाश में’, ‘दूसरी कहानी’, ‘सम्पूर्ण कहानियाँ’ (कहानी-संग्रह)। जर्मन, फ्रेंच, इटैलियन, स्पेनिश, अंग्रेजी तथा अनेक भारतीय भाषाओं में उनकी कृतियों के अनुवाद हुए हैं।

उनके पहले ही उपन्यास ‘कलि-कथा वाया बाइपास’ को ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ तथा ‘शेष कादम्बरी’ उपन्यास को ‘बिहारी पुरस्कार’ से पुरस्कृत किया गया।

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top