Facebook Pixel

Ravindranath Ki Parlok Charcha-E-Book

ISBN: 9789360860912
Edition: 2024, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹224.25 Regular Price ₹299.00
25% Off
In stock
SKU
9789360860912-ebook

Buying Options

Ebook

More Information
Language Hindi
Binding Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 200p
Price ₹299.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 20 X 13 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Ravindranath Ki Parlok Charcha-E-Book
Your Rating
Amitabh Chowdhury

Author: Amitabh Chowdhury

अमिताभ चौधरी

बांग्ला भाषा के महत्त्वपूर्ण साहित्यकार अमिताभ चौधरी का जन्म 16 जुलाई, 1928 को सिलहट (अब बांग्लादेश) में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार असम की बराक घाटी में आ बसा। उन्होंने कलकत्ता और शान्तनिकेतन में शिक्षा पाई। बाद में शान्तिनिकेतन के विश्वभारती विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। 1956 में पेशेवर तौर पर ‘आनन्द बाजार पत्रिका’ से जुड़े और कुछ समय तक इस अख़बार के समाचार-सम्पादक रहे। फिर ‘युगान्तर’ और ‘आजकल’ अख़बारों के साथ भी जुड़े। अपने पत्रकार जीवन के दौरान इन्दिरा गांधी, शेख मुजीबुर रहमान और सुचित्रा सेन जैसी हस्तियों से उनकी नजदीकी बनी।

उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं—‘महाजन संग’, ‘जोड़ासाँकोर ठाकुर परिवार’, ‘कवि ओ संन्यासी’, ‘भारतीय भाषाय मुस्लिम साहित्य’, ‘इस्लामिक भाषाय मुस्लिम साहित्य’, पीसाहबेर मजार’, ‘दर्शनचिन्ता ओ साहित्य विचार’, ‘विश्वसाहित्ये विंश शताब्दीर कविता’ (प्रथम खंड एवं द्वितीय खंड), ‘निन्निर जन्म’, ‘रवीन्द्र पंचमी’, ‘अमिताभ चौधुरीर श्रेष्ठ कविता’, ‘एकत्रे रवीन्द्रनाथ’ (दो खंड), ‘सूर्यास्ते आगे रवीन्द्रनाथ’, ‘छड़ानो छड़ा’, ‘काठेर तलोयार’, ‘साहित्य आलोचना’, ‘चर्चित चर्वन’, ‘जलछवि’, ‘स्वर्गेर काछाकाछि’, ‘इसलाम ओ रवीन्द्रनाथ’, ‘रवीन्द्रनाथेर परलोकचर्चा’, ‘आमार बन्धु सुचित्रा सेन’, ‘जमींदार रवीन्द्रनाथ’, ‘रवीन्द्रनाथेर असुख-बिसुख’।

उन्हें 1983 में भारत सरकार ने ‘पद्मश्री’ से अलंकृत किया। 2013 में पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें ‘बंग विभूषण सम्मान’ प्रदान किया और सिलचर विश्वविद्यालय ने मानद उपाधि से सम्मानित किया।

1 मई, 2015 को उनका निधन हुआ। 

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top