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Ram Itihas Ke Aprichit Adhyay

Edition: 2019, 1st Ed.
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Ram Itihas Ke Aprichit Adhyay

महासागर के समक्ष खड़े होने से समझ में आता है कि यही सबसे अधिक अथाह, अनन्त, विशाल जल-संसार है, इसके समानान्तर कुछ नहीं है किन्तु जब कभी कोई पुरुषोत्तम के चरित्र-महासागर के गहरे पानी में पैठता है तब समझ में आता है कि यह विशाल चरित्र-सागर कहीं अधिक अनन्त और उन्नत रत्नाकर है। इसके समक्ष बाहर का दृश्य-महासागर कुछ भी नहीं है। धरतीतल वाले सागर से चरित्र-सागर कई गुना अपरिमेय व अजेय है। यह महान और असीम बहुमूल्य सम्पदाओं का भरा-पूरा, कभी न समाप्त होनेवाला रत्नाकर है। रामचरित्र कुछ ऐसा ही रत्नाकर है। उसे पूर्णता से आज तक कोई नहीं जान पाया है। पृथ्वी के इतिहास में जन्मे मात्र दो अक्षरों के 'राम' के चरित्र-सागर की समानता करनेवाला आज तक कोई नहीं हुआ।

इस संसार का गहन-गम्भीर रामाख्यान, लोक में कब से साधारण मनुष्यों से लेकर ज्ञानी ऋषियों, मनीषियों, कवियों द्वारा कहा, सुना गया और लिखा जा रहा है, यह भी किसी को नहीं ज्ञात है। कब यह लेखन पूर्ण होगा, कोई नहीं जानता।

‘रामचरित सतकोटि अपारा’ है जिसे ‘इदमित्थं’ नहीं कहा जा सकता।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2019
Edition Year 2019, 1st Ed.
Pages 351p
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
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Shriram Mehrotra

Author: Shriram Mehrotra

श्रीराम मेहरोत्रा

काशी में जन्मे श्री मेहरोत्रा ने हिन्दू विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य और काशी विद्यापीठ से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधियाँ पाकर पेशागत जीवन का आरम्भ प्रख्यात संस्था, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी से प्रकाशित दस खंडों के 'बृहत् हिन्दी शब्द सागर' के 'क' वर्ग के शब्दों के सम्पादन से वर्ष 1963-65 में किया। तत्पश्चात् मध्य प्रदेश शासन में 'आदिम जाति कलप्रागा एवं शोध संस्‍थान’ में शोध अधिकारी और ब्लॉक अधिकारी पदों पर 10 वर्षों तक सेवारत रहे। शेष 28 वर्ष बैंकिंग सेवा में विभिन्न प्रबन्‍धक पदों पर रहते हुए 2001 में सेवानिवृत्त हुए।

प्रकाशित कृतियाँ : ‘साहित्य का समाजशस्त्र : मान्यता और स्थापना’, ‘राजभाषा शब्द संसार’, ‘राम कौन’, ‘राम उत्कर्ष का इतिहास’। संयुक्त राज्य अमरिका में ‘भारतीय धर्म’ पर सन् 2007 में व्याख्यान।

 

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