Author
Garima Shrivastava

Garima Shrivastava

1 Books

गरिमा श्रीवास्तव

गरिमा श्रीवास्तव का जन्म 18 जुलाई, 1970 को नई दिल्ली में हुआ। उन्होंने हिन्दू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की। स्त्रीवादी चिन्तक के रूप में गरिमा अपनी ख़ास पहचान रखती हैं। युद्ध और युद्ध के बाद की स्थितियों को स्त्रीवादी नज़रिये से देखने का उनका प्रयास हिन्दी भाषा-साहित्य की दुनिया में विशिष्ट है।

उनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं—‘आउशवित्ज़ : एक प्रेम कथा’, ‘देह ही देश’, ‘चुप्पियाँ और दरारें’, ‘हिन्दी नवजागरण : इतिहास गल्प और स्त्री प्रश्न’, ‘किशोरीलाल गोस्वामी’, ‘लाला श्रीनिवासदास’, ‘हिन्दी उपन्यासों में बौद्धिक विमर्श’, ‘भाषा और भाषा विज्ञान’, ‘ऐ लड़की में नारी चेतना’, ‘आशु अनुवाद’। कुछ सम्पादित पुस्तकें हैं—‘उपन्यास का समाजशास्त्र’, ‘ज़ख़्म, फूल और नमक’, ‘हृदयहारिणी’, ‘लवंगलता’, ‘वामाशिक्षक’, ‘आधुनिक हिन्दी कहानियाँ’, ‘आधुनिक हिन्दी निबन्ध’ और ‘हिन्दी नवजागरण और स्त्री’ शृंखला में सात पुस्तकें—‘महिला मृदुवाणी’, ‘स्त्री समस्या’ ‘हिन्दी की महिला साहित्यकार’, ‘हिन्दी काव्य की कलामयी तारिकाएँ’, ‘स्त्री-दर्पण’, ‘हिन्दी काव्य की कोकिलायें’, ‘स्त्री कवि संग्रह’। उन्होंने कुछ पुस्तकों के अनुवाद भी किए हैं, जिनमें प्रमुख हैं—‘ए वेरी ईज़ी डेथ : सिमोन द बोउवार’, ‘ब्राजीली कहानियाँ’, ‘जारवा भाषा : स्वनिमिक अध्ययन’।

वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के भारतीय भाषा केन्द्र में प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत हैं।

Back to Top