Pranveer Maharana Pratap

Author: Bharti Sudame
Translator: Pratibha Gurjar
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Pranveer Maharana Pratap
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महाराणा प्रताप के जीवन और संघर्ष पर केन्द्रित यह उपन्यास अपने मूल मराठी रूप में बहुत लोकप्रिय रहा है। मराठी में अब तक इसके छह संस्करण हो चुके हैं। साथ ही इस उपन्यास ने राणा प्रताप के बारे में नए सिरे से जानने की उत्सुकता बढ़ा दी है।

अपनी स्वाधीनता के लिए अकबर की विशाल सेना से टक्कर लेने वाले इस योद्वा को लेकर जनमानस में अनेक किंवदंतियाँ प्रचलित हैं। अपने देश और अपने लोगों के लिए उनके संघर्ष को देखने के भी कई नजरिये हैं। लेकिन यह उपन्यास तथ्यों के साथ आगे बढ़‌ता है जिन्हें लेखिका ने अपने लम्बे अध्ययन और महाराणा प्रताप से सम्बन्धित ऐतिहासिक स्थानों की अनेक यात्राओं के दौरान एकत्रित किया। मराठी, हिन्दी और अंग्रेजी के शताधिक ग्रंथों के पारायण के उपरांत रची गई यह गाथा अपनी पठनीयता में भी उल्लेखनीय बन पड़ी है जिसे अनुवादक ने गहरे समर्पण और नितांत निजी लगाव के साथ हिन्दी में प्रस्तुत किया है।

यह उपन्यास न सिर्फ महाराणा के जीवन के कई अनजाने पहलुओं से पाठक का परिचय कराता है, बल्कि अपनी भूमि और अपने राष्ट्र पर गर्व करने की प्रेरणा भी देता है। उपन्यास के कई अंश इतने मार्मिक हैं कि लम्बे समय तक हमारे मानस को भिगोए रखते हैं, तो कई हिस्से हमें उदात्त ओज से भर देते हैं।

More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 352p
Translator Pratibha Gurjar
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2.5
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Bharti Sudame

Author: Bharti Sudame

भारती सुदामे

भारती सुदामे ने हिन्दी और शिक्षण-शास्त्र में पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने 35 वर्ष तक अध्यापन किया है। मराठी और हिन्दी में उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हैं। साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें कई सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। वे नागपुर, गोवा एवं पूना के आकाशवाणी तथा नागपुर और पणजी दूरदर्शन के साहित्यिक कार्यक्रमों में भागीदारी करती रही हैं।

फिलहाल महायोगी श्री अरविन्द के दर्शन पर केन्द्रित ‘श्री अरविन्द विचार मंच’ द्वारा आयोजित स्वाध्याय शिविरों में प्रवक्ता के रूप में कार्यरत हैं।

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