Mulla Naseeruddin Ki Anokhi Duniya

Fiction : Stories
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Mulla Naseeruddin Ki Anokhi Duniya
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मुल्ला नसीरुद्दीन की कहानियों का मतलब है—ऐसी कहानियाँ जिनमें उलझनों के बीच भी जीवन के आनन्द, आह्लाद और मनोरंजन की त्रिवेणी प्रवाहित हो।

मुल्ला नसीरुद्दीन में वह सब कुछ है जो आज के जीवन में होता है। ज़‍िन्दगी जीने की जद्दोजहद, तिकड़म, जालसाजी, उलट-फेर, वर्चस्व का संघर्ष, मूर्खता, चतुराई और ऐसा बहुत-कुछ समेटे इन कहानियों की तासीर सकारात्मक सोच को बढ़ावा देती है तथा उदासी के गहन पलों में भी मनुष्य में जिजीविषा उत्पन्न करती है। यही इन कहानियों की विशेषता है कि सदियों से ये कहानियाँ जीवन्त हैं।

मुल्ला नसीरुद्दीन की इन कहानियों के प्रशंसक जिस तरह हमारे देश में हैं, उसी तरह विश्व के अनेक देशों में भी हैं।

मुल्ला नसीरुद्दीन एक आला इनसान था जो इस दुनिया को बुद्धिमत्ता, वाक्चातुर्य, मनोरंजन और हास्य-विनोद की तरकीबें सिखाने के लिए आया था।

अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वह गाँव-दर-गाँव, शहर-दर-शहर होता हुआ एक देश से दूसरे देश घूमता रहा और अपने उद्देश्य की सार्थकता के लिए अपने पीछे ढेरों क़ि‍स्से छोड़ गया।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2018
Edition Year 2022, Ed. 6th
Pages 192p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
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Editorial Review

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Ashok Maheshwari

Author: Ashok Maheshwari

अशोक महेश्वरी 

9 अक्टूबर, 1957 को उत्तर प्रदेश के हापुड़ में एक मध्यवर्गीय परिवार में जन्मे अशोक महेश्वरी ने रूहेलखंड विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिन्दी साहित्य) की पढ़ाई पूरी की। वे 1974 में प्रकाशन की दुनिया में सक्रिय हुए। 1978 में 'वाणी प्रकाशन' का कार्यभार सँभाला। इसे सफलता की राह में तेज़ी से आगे बढ़ाते हुए 1988 में हिन्दी के प्रमुख प्रकाशनों में एक 'राधाकृष्ण प्रकाशन' का कार्यभार भी सँभाला। 1991 में 'वाणी प्रकाशन' की ज़‍िम्मेदारी से अलग हो गए। 1994 में हिन्दी साहित्य के सर्वाधिक प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्थान 'राजकमल प्रकाशन' के प्रबन्ध निदेशक बने। 'राजकमल' और 'राधाकृष्ण प्रकाशन' को प्रगति-पथ पर आगे बढ़ाते हुए 2005 में 'लोकभारती प्रकाशन' का भी कार्यभार सँभाला। फ़‍िलहाल वे हिन्दी के तीन प्रमुख साहित्यिक प्रकाशनों के समूह 'राजकमल प्रकाशन समूह' के अध्यक्ष हैं। 

इनकी कुछ बालोपयोगी पुस्तकें काफ़ी चर्चित हैं

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