मक़बूल एक लीकपीटी जीवनी नहीं, एक बेमिसाल जवाँमर्द बुज़ुर्ग कलाकार के बचपन, लड़कपन और इब्तदाई जवानी की अनूठी कहानी है। इसमें कविता की सी साफ़-शफ़्फ़ाफ़ रवानी है, परिन्दाना परवाज़ है, रसीला अन्दाज़ है। अखिलेश ने इसे तारीख़ों और तथ्यों के बोझ से आज़ाद कर जो बहाव दिया है, उसमें से मक़बूल की मासूम और शरारती सूरत भी ख़ूब उभरती है और हुसेन की जादूगरी और कारीगरी का आभास भी अपनी बास लिये हम तक पहुँचता है। इस कृति में ‘जादुई’ विशेषण कई बार प्रयुक्त हुआ है; यही विशेषण इस कृति के लिए, जिसे हुसेन के एक ‘रसिए’ ने रचा है, मुझे मौजूँ नज़र आता है।

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Language Hindi
Format Hard Back
Edition Year 2010
Pages 96p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21 X 21 X 1.5
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Akhilesh

Author: Akhilesh "Bhopal "

अखिलेश

सुप्रसिद्ध चित्रकार, गद्य लेखक, अनुवादक।

जनम : 28 अगस्त, 1956; इन्‍दौर।

शिक्षा : नेशनल डिप्‍लोमा इन पेंटिंग (1978)।

प्रकाशित प्रमुख कृतियाँ : ‘दरसपोथी’, ‘अचम्‍भे का रोना’, ‘शीर्षक नहीं’, ‘देखना’, ‘मक़बूल फ़िदा हुसैन’ (कला-लेख); ‘मक़बूल’ (मक़बूल फ़िदा हुसैन की जीवनी का); ‘आप-बीती’ (मार्क शागाल की आत्‍मकथा का अनुवाद)।

सम्‍मान : ‘भारत भवन बिनाले सम्‍मान’, ‘रज़ा फ़ाउंडेशन सम्‍मान’, ‘कला कौस्‍तुभ सम्‍मान’, ‘वागेश्‍वरी सम्‍मान’, संस्‍कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ‘सीनियर आर्टिस्‍ट फ़ेलोशिप’ आदि। 

सम्पर्क : 56akhilesh@gmail.com

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