Mahangoo Ki Tai

Edition: 2016, Ed. 10th
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Mahangoo Ki Tai

‘महँगू की टाई’ सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की बाल-कविताओं का संकलन है। यह कविता-पुस्तक सरल-सुलभ भाषा में बच्चों के सांसारिक अनुभवों को दर्ज़ करती है। पुस्तक की सभी कविताओं में लयात्मक तुकबंदियाँ हैं, जो बचपन के हर्षोल्लास को अपनी गीतात्मक रचनाशीलता के साथ अभिव्यक्त करती हैं।

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Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 1990
Edition Year 2016, Ed. 10th
Pages 24p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 16.5 X 21.5 X 0.2
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Sarveshwardayal Saxena

Author: Sarveshwardayal Saxena

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना का जन्म 15 सितम्बर, 1927 को बस्ती, उत्तर प्रदेश में हुआ।

आपने इलाहाबाद से बी.ए. और एम.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की।

जीविकोपार्जन के लिए मास्टर, क्लर्क, आकाशवाणी में सहायक प्रोड्यूसर, ‘दिनमान’ में प्रमुख उप-सम्पादक और फिर कुछ दिनों ‘पराग’ के सम्पादक। ‘तीसरा सप्तक’ के कवि और ‘नई कविता’ के अधिष्ठाता शीर्षस्थ कवियों में एक।

आपकी प्रकाशित प्रमुख कृतियाँ हैं : ‘काठ की घंटियाँ’, ‘बाँस का पुल’, ‘एक सूनी नाव’, ‘गर्म हवाएँ’ (बाद में ये चारों कविता-संग्रह क्रमशः ‘कविताएँ : एक’ और ‘कविताएँ : दो’ में संकलित व प्रकाशित), ‘कुआनो नदी’, ‘जंगल का दर्द’, ‘खूँटियों पर टँगे लोग’, ‘कोई मेरे साथ चले’ (कविता-संग्रह); ‘उड़े हुए रंग’ (उपन्यास); ‘पागल कुत्तों का मसीहा’, ‘सोया हुआ जल’ (लघु उपन्यास); ‘लड़ाई’, ‘अँधेरे पर अँधेरा’ (कहानी); ‘बकरी’ (नाटक); ‘बतूता का जूता’, ‘महँगू की टाई’, ‘बिल्ली के बच्चे’ (बाल-कविता); ‘कुछ रंग, कुछ गंध’ (यात्रा-संस्मरण) ‘शमशेर’, ‘नेपाली कविताएँ’, ‘अँधेरा का हिसाब’ आदि (सम्पादन)।

आपकी रचनाएँ भारतीय भाषाओं के अलावा रूसी, जर्मन, पोलिश, चेक आदि भाषाओं में अनूदित।

‘खूँटियों पर टँगे लोग’ के लिए 1983 के 'साहित्य अकादेमी पुरस्कार' से सम्मानित किए गए।

24 सितम्बर, 1983 को नई दिल्ली में निधन।    

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