Life-Line

Fiction : Stories
Author: Mukul Joshi
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सैनिकों की बात करते ही हमारे मन में उनकी वह छवि उभरती है जिसमें वह वर्दी पहने और हथियार लिये हुए सीमा पर मुस्तैदी से खड़े हैं। ये छवि उनकी बहादुरी और देश के प्रति अथाह निष्ठा के बारे में तो बताती है पर यह नहीं बताती कि वे भी उतने ही साधारण या असाधारण मनुष्य हैं जितना कि कोई दूसरा हो सकता है।

सैनिकों के दुर्दम्य जीवन और उनके सुखों-दुखों पर केन्द्रित मुकुल जोशी के कहानी-संग्रह ‘लाइफ़-लाइन’ में कुल ग्यारह कहानियाँ हैं। ये कहानियाँ सैनिकों के जीवन की इस रूढ़ छवि को जितना पुष्ट करती हैं उतना ही ध्वस्त भी करती हैं। ऐसा करते हुए ये ऐसे सैनिकों को हमारे सामने ले आती हैं जिनके प्रति सिर्फ सम्मान ही नहीं जागता बल्कि उनसे हम कुछ उस तरह से भी प्रेम या लड़ाई कर सकते हैं जैसे अपने किसी भाई या दोस्त के साथ करते हैं। इन कहानियों में 'जैतूनी हरे रंग में डूबे हुए' सैनिकों का जीवन उनके सुख-दुख, स्वप्न-दुःस्वप्न इतने साफ और पारदर्शी रूप में सामने आए हैं कि इसे पढ़ते हुए हम उन्हें सैनिक के रूप में देखने के साथ-साथ मनुष्य के रूप में भी देख पाते हैं। इसे पढ़ते हुए हम बार-बार जानते हैं कि वे अपने पीछे एक गौरव के साथ-साथ बहुत सारा खालीपन छोड़ जाते हैं जिसे कभी भी नहीं भरा जा सकता।

—मनोज कुमार पांडेय

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Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 144p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 20 X 13 X 1
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Editorial Review

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Mukul Joshi

Author: Mukul Joshi

मुकुल जोशी

मुकुल जोशी का जन्म 8 अगस्त, 1957 को दिल्ली में हुआ। ‘मैं यहाँ कुशल से हूँ’ शीर्षक से उनका एक कहानी-संग्रह प्रकाशित है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी उनकी कहानियाँ और कविताएँ प्रकाशित हुई हैं। कुछ कहानियों का उड़िया भाषा में अनुवाद हो चुका है।

सम्प्रति : सेना में कर्नल रैंक से सेवानिवृत्त होने के बाद एस.एस.बी. कोचिंग इंस्टिट्यूट में प्रशिक्षक। 

ई-मेल : mcjoshi.edu@gmail.com

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