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Khabrein Vistar Se-Hard Cover

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9788126714605
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भारतीय भाषाओं में टीवी पत्रकारिता के बारे में पढ़ने-पढ़ाने के लिए किताबें या तो लिखी ही नहीं गईं या फिर वे ऐसी नहीं हैं जो इस कमी को पूरी तरह भर सकें। हिन्दी में तो एक भी ढंग की किताब नहीं है। ‘ख़बरें विस्तार से’ का प्रकाशन इस दिशा में सार्थक प्रयास है।

टेलीविज़न के समाचारों का संकलन, सम्पादन, प्रस्तुतीकरण, वाचन और प्रसारण कैसे और किस तरह से होता है—यानी वे कौन लोग हैं जो ख़बरें लाते, बनाते और दिखाते हैं? एंकर, रिपोर्टर, प्रोड्यूसर, कैमरामैन, वीडियो एडिटर आदि बनने के लिए कहाँ जाएँ, क्या करें? या फिर समाचार चैनलों में कैसे काम होता है? ख़बरों की शूटिंग से लेकर प्रसारित होने तक में किस तरह की तकनीक का प्रयोग होता है? इन सारे सवालों का जवाब पाठक को ‘ख़बरें विस्तार से’ में मिल सकता है। इसे ठेठ भारतीय सन्दर्भ को ध्यान में रखकर लिखा गया है। यह किताब टीवी और ख़बरों की दुनिया को पूरी तरह समझने में मदद करती है।

पुस्तक की रूपरेखा इस ढंग से तैयार की गई है कि पाठकों का परिचय टीवी न्यूज़ की बदलती दुनिया से भी हो और ख़बरें बनने की प्रक्रिया को समझने में भी उन्हें सुविधा हो। पुस्तक में न्यूज़ चैनलों की सम्पादकीय और तकनीकी कार्यप्रणाली की विस्तारपूर्वक चर्चा की गई है। ‘ख़बरें विस्तार से’ टेलीविज़न पत्रकारिता के छात्रों व शिक्षकों के साथ सामान्य पाठकों के लिए भी उपयोगी होगी, ऐसा हमारा विश्वास है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2008
Edition Year 2008, Ed. 1st
Pages 240p
Price ₹995.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 24.5 X 19 X 1.5
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Author: Shyam Kashyap

श्याम कश्यप

जन्म : 21 नवम्बर, 1948; नवाँशहर दोआबा (पंजाब)।

शिक्षा : एम.ए. (राजनीति विज्ञान), पीएच.डी. (पत्रकारिता एवं जनसंचार)।

वृत्ति : पत्रकारिता एवं विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य।

प्रमुख कृतियाँ : ‘गेरू से लिखा हुआ नाम’ (कविता-संग्रह); ‘मुठभेड़’, ‘सृजन और संस्कृति’, ‘साहित्य की समस्याएँ और प्रगतिशील दृष्टिकोण’ तथा ‘मार्क्स, एलिएनेशन सिद्धान्त और साहित्य’ (आलोचना)।

सम्पादित कृतियाँ : ‘परसाई रचनावली’ (सहयोगियों के साथ मिलकर), ‘हिन्दी की प्रगतिशील आलोचना’, ‘हिन्दी साहित्य का इतिहास : पुनर्लेखन की समस्याएँ’, ‘हरिशंकर परसाई : संकलित रचनाएँ’, डॉ. रामविलास शर्मा की ‘इतिहास और समकालीन परिदृश्य’, शृंखला की चारों पुस्तकें— (‘स्वाधीनता संग्राम : बदलते परिप्रेक्ष्य’, ‘भारतीय इतिहास और ऐतिहासिक भौतिकवाद’, ‘पश्चिमी एशिया और ऋग्वेद’ तथा ‘भारतीय नवजागरण और यूरोप’), ‘रास्ता इधर है’ और विख्यात पत्रिका ‘पहल’ का ‘फासीवाद-विरोधी विशेषांक’।

निधन : 15 नवम्बर, 2018

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