Kentki Chiken Ka Swad

Edition: 2020, 1st Ed.
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
As low as ₹335.75 Regular Price ₹395.00
15% Off
In stock
SKU
Kentki Chiken Ka Swad
- +
Share:

प्रियदर्शन मालवीय का यह तीसरा कहानी-संग्रह उनके पिछले लेखन में एक अगला क़दम है, क्योंकि इन कहानियों में प्रियदर्शन ने जीवन और अनुभव के नए संसार से भिड़न्त की है। इन कहानियों में हमारे बदलते हुए समय की क़लमकारी है। समय, समाज, गाँव और शहर की चुनौतियाँ संकट के नित नए चोर-दरवाज़े दिखा रही हैं। इसमें क्या किसान और क्या जवान, सब पिस रहे हैं। 'जाके पाँव न फटै बिवाई', 'जबरा की मार', 'रोम जब जल रहा था, नीरो बाँसुरी बजा रहा था' कहानियों में इनका संत्रास चित्रित हुआ है।

'जाके पाँव न फटै बिवाई' में मामा का चरित्र विकासोन्मुख भारत की विषमता उजागर करता है जब पाठक को यह पता चलता है कि उनके खेत बिक रहे हैं, बेटा बेरोज़गार है और बेटियाँ अनब्याही हैं। मामा देसी ठर्रा पीने लगे हैं क्योंकि यही उन्हें ख़ुदकुशी से बचाए रखने में समर्थ है। मामा कहते हैं, "जब विद्यार्थी था तो पढ़ा था, 'दुनिया के मज़दूरो एक हो...'—मगर मज़दूर तो एक नहीं हुए, हाँ व्यापारी और पूँजीपति ज़रूर एक हो गए और सब मिलकर किसानों को भी मज़दूर बनाकर बेड़ियाँ डालना चाहते हैं।"

किसान दुर्दशा पर एक अन्य कहानी 'जबरा की मार' भी बताती है कि कैसे किसान आत्महत्या के लिए ‌विवश होते हैं। पुलिस और प्रशासन के मुक्के और धक्के झेलने पर सबसे पहले मनोबल टूटता है।

शीर्षक कहानी 'केंटकी चिकन का स्वाद' में भी लेखक ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा व्यवस्था के अन्दर जनता के सुधार या कल्याण की कामना शून्य है।

तीखा व्यंग्य, मानवीय सरोकार, पात्रों के प्रति संवेदना संग्रह की कहानियों को अपूर्व आभा प्रदान करते हैं।         —ममता कालिया

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2020
Edition Year 2020, 1st Ed.
Pages 158p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Kentki Chiken Ka Swad
Your Rating
Priyadarshan Malviya

Author: Priyadarshan Malviya

प्रियदर्शन मालवीय

जन्म : 10 सितम्बर, 1958; इलाहाबाद। कृतियाँ : ‘सपना अपना-अपना’ (कविता-संग्रह); ‘बन्दर शिवाला के भूत’, ‘सुनिए घोड़ों की टापें’ (कहानी-संग्रह); ‘घर का आख़िरी कमरा’, ‘पतंगें’ (उपन्यास)। साहित्य के अतिरिक्त संगीत एवं सिनेमा में रुचि। उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन विभाग से सेवानिवृत्ति के बाद स्वतंत्र लेखन।

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top