Back to Top
Keedon Ki Kahani Keedon Ki Zabani
You Save 10%
Out of stock
Only %1 left
SKU
Keedon Ki Kahani Keedon Ki Zabani
बचपन में जीव-जगत के कीड़ों से कौन अपरिचित रहा है? बाल-सुलभ जिज्ञासा हो सकती है कि तितिलयों के पंख इतने सुंदर क्यों हैं?...मधुमक्खी फूलों पर बैठी क्या करती है?...छोटा-सा मच्छर इतनी ज़ोर से कैसे काटता है?...जुगनू रात में जगमगाता क्यों है? बहरहाल, जितने भी प्राणियों की, जितनी भी जातियों के बारे में मनुष्य को पता है उनमें से लगभग अस्सी प्रतिशत सिर्फ़ कीड़े ही हैं। इस पुस्तक में कल्पना के आलोक के विपरीत कीड़ों की इसी निराली दुनिया के यथार्थ से बच्चों का परिचय कराने का प्रयास किया गया है—कुछ अपनी तरफ से और कुछ चारों ओर पाए जाने वाले जाने-पहचाने कीड़ों के माध्यम से।
Language | Hindi |
---|---|
Format | Paper Back |
Publication Year | 2011 |
Edition Year | 2011, Ed. 1st |
Pages | 79p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 21.5 X 13.5 X 0.5 |