Jungle Ke Upyogi Vriksha

Author: Ramesh Bedi
Edition: 2019, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Jungle Ke Upyogi Vriksha

इस पुस्तक में मानव उपयोगी सात वृक्षों का वर्णन किया गया है।

उनके विविध भाषाओं में नाम, उनकी पहचान, उनका प्राप्ति-स्थान, उनकी कृषि, रासायनिक संघटन, घरेलू तथा दवा-दारू में उपयोग, उनके औद्योगिक उपयोग आदि की विस्तृत जानकारी दी गई है।

इन वृक्षों का स्वरूप बताने के लिए 24 रेखाचित्र, 5 फ़ोटो और 12 रंगीन फ़ोटो दिए गए हैं।

वृक्षों में रुचि रखनेवालों, आयुर्वेद व यूनानी के अध्येताओं, अनुसन्धानकर्ताओं, वन-अधिकारियों व वन-कर्मियों, फ़ार्मेसियों, कच्ची जड़ी-बूटियों के व्यापारियों के लिए यह पुस्तक विशेष रूप से उपयोगी है।

जिन वृक्षों का ‘जंगल के उपयोगी वृक्ष’ में वर्णन है, वे ये हैं—गूलर, बकायन, त्रिफला, बरगद, नीम, बहेड़ा और पीपल।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Edition Year 2019, Ed. 2nd
Pages 210p
Translator Not Selected
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Publisher Rajkamal Prakashan
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Ramesh Bedi

Author: Ramesh Bedi

रामेश बेदी

बहुमुखी प्रतिभासम्पन्न लेखक और प्रकृति के कुशल फ़ोटोग्राफ़र।

जन्म : 20 जून, 1915; कालाबाग़, उत्तर-पश्चिमी सीमा-प्रान्त (अब पाकिस्तान)।

शिक्षा : गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार में अन्तेवासी के रूप में। जंगल के जीव-जन्तुओं के  अध्ययन, उनकी फ़ोटोग्राफ़ी तथा फ़‍िल्मिंग के दौरान श्री रामेश बेदी ने महीनों नेशनल पार्कों और अभयवनों में गुज़ारे। निरन्तर सान्निध्य से वन्य-जीवों के स्वभाव और उनकी संवेदनशील जीवन-शैली की बारीकियों को समझा। फलस्वरूप, ख़ूँख़ार समझे जानेवाले जानवरों और श्री बेदी के बीच की खाईं कमोबेश पट गई थी।

कृतियाँ : जीव-जन्तु विषयक पुस्तकें —‘आदमख़ोरों के बीच’, ‘गैंडा’, ‘सिंह’, ‘सिंहों के जंगल में’, ‘तेन्‍दुआ और चीता’, ‘कबूतर’, ‘गजराल’, ‘चरकसंहिता के जीव-जन्तु’, ‘जंगल की बातें’ आदि। वनस्पतियों सम्बन्धी पुस्तकें —‘गुणकारी फल’, ‘मानव उपयोगी पेड़’, ‘जंगल की जड़ी-बूटियाँ’, ‘जंगल के उपयोगी वृक्ष’ आदि। यात्रा-वृत्तान्त और कुछ अंग्रेज़ी की पुस्तकें भी प्रकाशित। कुछ पुस्तकें रूसी, पंजाबी, कन्नड़, ओड़िया, बंगाली, गुजराती, मराठी में अनूदित-प्रकाशित। अनेक लेख अंग्रेज़ी, रूसी, जर्मन, जापानी, इतालवी, नेपाली, मराठी, मलयालम आदि में अनूदित-प्रकाशित।

यात्रा : अनुसन्धान कार्यों के सिलसिले में लन्दन, ब्राज़ील, कनाडा, भूटान और श्रीलंका की यात्रा।

सम्मान : हिन्दी अकादमी, दिल्ली और संस्कृत अकादमी, दिल्‍ली द्वारा प्रशस्ति-पत्र एवं ‘साहित्यिक कृति सम्मान’, केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा ‘मेदिनी पुरस्कार’, ‘इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार’ (मरणोपरान्‍त) आदि।

निधन : 9 अप्रैल, 2003

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