Facebook Pixel

Dhoondha Aur Paya-Hard Cover

Special Price ₹297.50 Regular Price ₹350.00
15% Off
In stock
SKU
9788180318207
- +
Share:
Codicon

‘ढूँढ़ा और पाया’ कवि विपिन कुमार अग्रवाल का ख़ास ढंग से विशिष्ट काव्य-संग्रह है। इसमें की कुछ कविताएँ विपिन के एकदम पहले, या कि पहले आधे संग्रह ‘धुएँ की लकीरें’ (1956) से ली गई हैं—इस संग्रह के दूसरे कवि लक्ष्मीकान्त वर्मा हैं। यह संयोग से कुछ अधिक है कि नई कविता के ये दोनों असाधारण कवि अपना पहला संग्रह संयुक्त रूप से प्रकाशित करते हैं। फिर प्रस्तुत संग्रह में कुछ अब तक की असंकलित कविताएँ सम्मिलित की गई हैं। और विशिष्टता तब पूरी हो जाती है जब हम पाते हैं कि कवि की पाँच अन्तिम अप्रकाशित कविताएँ यहाँ पढ़ने को पहली बार सुलभ हो रही हैं।

यों, यह संग्रह विपिन के काव्य-समग्र का बड़ी कुशलता के साथ प्रतिनिधित्व करता है। इसका संकलन-सम्पादन डॉ. शीला अग्रवाल द्वारा किया गया है। विपिन की इन कविताओं को इस रूप में पढ़ते समय एक विषादपूर्ण सन्तोष का अनुभव होता है। कविताएँ हमारे सामने हैं, कवि अनुपस्थित। पर क्या इन कविताओं में ही हम कवि को उपस्थित नहीं पाते? निराला का स्मरण अनायास हो आता है—मैं अलक्षित हूँ, यही कवि कह गया है।

—रामस्वरूप चतुर्वेदी

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2013
Edition Year 2013, Ed. 1st
Pages 159p
Price ₹350.00
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Dhoondha Aur Paya-Hard Cover
Your Rating
Vipin Kumar Agarwal

Author: Vipin Kumar Agarwal

विपिन कुमार अग्रवाल

जन्म : 2 अप्रैल, 1931

1952 से प्रयाग विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान का अध्यापन एवं शोध-कार्य।

प्रमुख कृतियाँ : नाटक-संग्रह—‘तीन अपाहिज’, ‘लोटन’; कविता-संग्रह—‘ढूँढ़ा और पाया’, ‘आकारहीन संसार’, ‘नंगे पैर’; निबन्ध-संग्रह— ‘आधुनिकता के पहलू’; उपन्‍यास—‘बीतीआप बीतीआप’।

निधन : 1989

 

 

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top