शत्ति-साधना का स्वरूप ऋग्वेद के देवी सूक्त’ से आरम्भ होकर निरन्तर व्यापक एवं लोकमत को प्रभावित करनेवाला होता गया तथा यह साधना न केवल भारत में बल्कि यूनान, चीन आदि देशों में भी प्रचलित हुई।
ग्रन्थ में पुराणों की संख्या, उनके रचनाकाल, विशेषतः देवीपुराण के 128 अध्यायों का व्यापक अनुशीलन है। इस पुराण की विषयगत विविधता एवं व्यापकता अद्भुत है। इसमें आयुर्वेद, युद्धकला जैसे विषयों का भी प्रामाणिक विवेचन है।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 2021 |
Edition Year | 2021, Ed. 1st |
Pages | 212p |
Publisher | Lokbharti Prakashan |
Dimensions | 22.5 X 14 X 1.5 |