Devipuran : Shamtmat-Drishti (Etihasik Adhyayan)

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Devipuran : Shamtmat-Drishti (Etihasik Adhyayan)
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शत्ति-साधना का स्वरूप ऋग्वेद के देवी सूक्त’ से आरम्भ होकर निरन्तर व्यापक एवं लोकमत को प्रभावित करनेवाला होता गया तथा यह साधना न केवल भारत में बल्कि यूनान, चीन आदि देशों में भी प्रचलित हुई।
ग्रन्थ में पुराणों की संख्या, उनके रचनाकाल, विशेषतः देवीपुराण के 128 अध्यायों का व्यापक अनुशीलन है। इस पुराण की विषयगत विविधता एवं व्यापकता अद्‌भुत है। इसमें आयुर्वेद, युद्धकला जैसे विषयों का भी प्रामाणिक विवेचन है।

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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2021
Edition Year 2021, Ed. 1st
Pages 212p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22.5 X 14 X 1.5
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Editorial Review

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Dr. Sarvagya Ram Mishra

Author: Dr. Sarvagya Ram Mishra

डॉ. सर्वज्ञ राम मिश्र

जन्म : 28 मार्च 1963, ग्राम–मदरामुकुन्दपुर, तहसील–मेजा, जिला–प्रयागराज।
पिता-माता : स्व. बलराम मिश्र–स्व. गायत्री देवी।
शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा अपने गाँव के विद्यालय से प्राप्त की। इंटरमीडिएट राजकीय इंटर कॉलेज, प्रयागराज से। बी.ए., एम.ए. तथा डी.फिल्‌. की उपाधि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से।
1990 में प्रादेशिक प्रशासनिक सेवा में चयनित होकर उत्तरकाशी, बांदा, वाराणसी, कानपुर नगर आदि स्थानों पर विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे।
भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नत होकर उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण, वाराणसी; विशेष सचिव पर्यटन, जिलाधिकारी, जौनपुर तथा सम्प्रति जिलाधिकारी, मथुरा के रूप में सेवारत।

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