इस पुस्तक की उपादेयता, लोकप्रियता एवं सामयिकता का प्रमाण यह है कि गत चैंतीस वर्षों में इसके चार संस्करण और बीस से अधिक पुनर्मुद्रण हो चुके हैं। नवीन संस्करण में ग्रन्थ की आत्मा को अक्षुण्ण रखते हुए संशोधन एवं परिवर्धन का प्रयास किया गया है।
‘भाषाविज्ञान का इतिहास’ नामक अध्याय में बीसवीं शताब्दी में भाषाविज्ञान के विकास का प्रकरण ग्रन्थ को समसामयिक बनाए रखता है। इसके अतिरिक्त भाषाविज्ञान, मनोभाषाविज्ञान, अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान, व्यतिरेकी भाषाविज्ञान और संगणक भाषाविज्ञान का परिचय इस नवीन संस्करण की अन्यतम विशेषता है। इससे पाठकों को न केवल इन विषयों की जानकारी मिलेगी, अपितु भाषाविज्ञान के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति को दिशा–चयन में भी सहायता मिलेगी।
Language | Hindi |
---|---|
Binding | Hard Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 1966 |
Edition Year | 2024, Ed. 12th |
Pages | 388p |
Publisher | Radhakrishna Prakashan |
Dimensions | 22 X 14.5 X 3.5 |