Bachapan Se Balatkar-Hard Cover

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9788126728855
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महिला क़ानूनों के जानकार और समाज तथा अदालत दोनों जगह स्त्री-सम्मान की सुरक्षा पर पैनी और सतर्क निगाह रखनेवाले लेखक व न्यायविद् अरविन्द जैन की यह पुस्तक बलात्कार के सामाजिक, वैधानिक और नैतिक पहलुओं को गहरी और मुखर न्याय-संवेदना के साथ देखती है। इस किताब की मुख्य चिन्ता यह है कि समाज के सांस्कृतिक चौखटे में जड़ी स्त्री-देह घरों और घरों से बाहर जितनी वध्य है, दुर्भाग्य से बलात्कार की शिकार हो जाने के बाद क़ानून की हिफ़ाज़त में भी उससे कुछ ज़्यादा सुरक्षित नहीं है। न सिर्फ़ यह कि समाज के पुरुष-वर्चस्व की छाया क़ानूनी प्रावधानों में भी न्यस्त है, बल्कि उनको कार्यान्वित करनेवाले न्यायालयों, जजों, वकीलों आदि की मनो-सांस्कृतिक संरचना में भी जस की तस काम करती दिखाई देती है। पुस्तक में पन्द्रह आलेख हैं। परिशिष्ट में कुछ ज़रूरी जानकारियाँ हैं। विशेषता यह है कि अरविन्द जैन ने पूरी सामग्री को व्यापक स्त्री-विमर्श से जोड़ा है। न्याय और अस्मिता रक्षा के लिए प्रतिबद्ध उनकी विचारधारा भाषा को नया तेवर देती है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2015
Edition Year 2015, Ed. 1st
Pages 160p
Price ₹350.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14 X 1
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Arvind jain

Author: Arvind jain

अरविन्द जैन

महिला, बाल एवं कॉपीराइट क़ानून के विशेषज्ञ और चर्चित लेखक-कथाकार।

जन्म : 7 दिसम्बर, 1953, उकलाना मंडी, हिसार (हरियाणा)। शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा जनता हाईस्कूल, उकलाना; एस.डी. हायर सेकेंडरी स्कूल, हाँसी, जैन हाईस्कूल और वैश्य कॉलेज, रोहतक (हरियाणा) में। पंजाब विश्वविद्यालय से वाणिज्य स्नातक (1974) और दिल्ली विश्वविद्यालय से विधि स्नातक (1977)।

पंजाब विश्वविद्यालय (1973) में ‘सर्वश्रेष्ठ वक्ता पुरस्कार’ से सम्मानित।

बाल-अपराध न्याय अधिनियम के लिए भारत सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के सदस्य।

प्रकाशित पुस्तकें : औरत होने की सज़ा, उत्तराधिकार बनाम पुत्राधिकार, न्यायक्षेत्रे अन्यायक्षेत्रे, यौन हिंसा और न्याय की भाषा तथा औरत : अस्तित्व और अस्मिता शीर्षक से महिलाओं की क़ानूनी स्थिति पर विचारपरक पुस्तकें। लापता लड़की कहानी-संग्रह।

विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में शोध-लेख, कहानियाँ, समीक्षाएँ, कविताएँ और क़ानून सम्बन्धी स्तम्भ-लेखन।

सम्मान : हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा वर्ष 1999-2000 के लिए ‘साहित्यकार सम्मान’; कथेतर साहित्य के लिए वर्ष 2001 का ‘शमशेर सम्मान’।

सम्पर्क : सेक्टर 5, प्लॉट नं. 835, वैशाली, ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश-201010

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