Baagbani : Ghar Ke Bhitar

महानगर हो या शहर जब घर के भीतर बागबानी की बात आती है तो मन अचरज से भर जाता है। कारण, आज की व्यवस्था में आबादी का फैलाव इस तरह हुआ है कि खुला स्थान, वाटिका और उद्यान तो एक सपना ही बनता जा रहा है। जो लोग दो-तीन कमरों के फ़्लैटों में रह रहे हैं, खुले स्थान के नाम पर एक छोटी सी बालकनी, बरामदा या फिर भाग्यशाली हुए तो छत है, वे कुछ फूल-पौधे लगाकर अपना घर सजाना चाहते हैं तो क्या नर्सरी वालों पर निर्भर रहें अथवा स्वयं पौधों की देखभाल का आनन्द उठाएँ?
यह पुस्तक ऐसे ही बागबानी प्रेमी लोगों के लिए लिखी गई है जो स्वयं ही घर में या छत पर किचेन गार्डन या सदाबहार पौधे लगाकर घर को सजाना चाहते हैं। इस पुस्तक में छत पर पौधे, बालकनी में पौधे, घर के अन्दर पौधे लगाना, साथ ही सदाबहार बोंसाई, कैक्टस आदि पौधों की जानकारी दी गई है। इसके अलावा गमलों के रखरखाव पर उपयोगी सामग्री तथा डिजाइनिंग आदि पर सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।
उम्मीद है, यह पुस्तक घर में हरियाली के साथ ख़ुशहाली भी लाएगी।
Language | Hindi |
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Format | Paper Back |
Publication Year | 2008 |
Edition Year | 2013, Ed. 2nd |
Pages | 80p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Radhakrishna Prakashan |
Dimensions | 21 X 14 X 0.5 |
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