Aurat Ki Janib

Poetry
As low as ₹128.00 Regular Price ₹160.00
You Save 20%
In stock
Only %1 left
SKU
Aurat Ki Janib
- +

इस संग्रह की कविताओं में ‘स्त्री’ को मानवीय पक्ष में उजागर करने के लिए उनके जीवन का चित्रण यथार्थ रूप में गहरे भावबोध से हुआ है।

आज स्त्री विमर्श ने स्त्रियों के मौन को तोड़ा है। वे मुखर हुई हैं। उनका दबा क्रोध, आवेश पीड़ा स्वानुभूति के धरातल पर अभिव्यक्त हो रहा है, साथ ही स्त्री जीवन के लिए निर्धारित मानक और मूल्य भी बदलाव की सहज माँग करने लगे हैं। सबसे बड़ी बात ‘पैदा हुई औरत’ और ‘बनायी गयी औरत’ का भेद स्पष्ट होने लगा। इस स्पष्टता ने औरतों की एक नयी समझ विकसित की है। वे स्त्रीजनित तमाम समस्याओं, कुण्ठाओं और हिंसा को मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक स्तर पर समझने लगीं। वे समझने लगीं कि औरत के प्रेम की ताकत को वैसे शरीर के दायरे में सीमित कर दिया गया है। आख़िर पुरुष वर्ग ने शुरू से नारी के गुणों को लेकर उसकी इतनी सराहना कर दी है कि नारी उसी को अपना सर्वस्व मानने लगी। उसी के आधार पर जीवन जीती चली आ रही है।

प्रस्तुत संग्रह की कविताएँ स्त्री के पक्ष में समाज से संवाद है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2021
Edition Year 2021, 1st Ed.
Pages 135
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Aurat Ki Janib
Your Rating

Editorial Review

It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using 'Content here

Dhirendra Kumar Patel

Author: Dhirendra Kumar Patel

धीरेन्द्र कुमार पटेल

जन्म : २० जून १९७१, ग्राम-बराई, पोष्ट-पुरेंव, जौनपुर (उ.प्र.)।

शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी., यू.जी.सी. नेट (हिन्दी साहित्य)।

साहित्य-सेवा : डगर की रेत, हँसकर युग धर्म निभाना (कविता संग्रह), आधुनिक काव्य-मंजरी (सम्पादन), हिन्दुस्तानी, अप्रतिम, वर्तमान साहित्य, लमही, बयान सहित अनेकों साहित्यिक एवं शोध पत्रिकाओं तथा सम्पादित पुस्तकों मे कहानी, आलेख, समीक्षा आदि प्रकाशित।

गतिविधियाँ : आकाशवाणी से वार्ताएँ प्रसारित, अनेकों साहित्यिक संगोष्ठियों का आयोजन, विभिन्न राष्ट्रीय संगोष्ठियों में वक्ता के रूप में प्रतिभागिता, विभिन्न काव्य मंचों से काव्य-पाठ, सदस्य-हिन्दी साहित्य सम्मेलन, जौनपुर।

शैक्षिक सेवा : अप्रैल १९९८ से मई २००० तक राजकीय महाविद्यालय, छपरौली (बा़गपत) उ.प्र. में हिन्दी प्रवक्ता एवं प्रभारी प्राचार्य।

सम्मान : भारतीय दलित साहित्य, दिल्ली द्वारा महात्मा ज्योतिबा फुले राष्ट्रीय फेलोशिप सम्मान-२०१४ तथा साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था ‘कोशिश’ द्वारा साहित्य श्री सम्मान २०२१ से विभूषित।

सम्प्रति : एसोसिएट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, सल्तनत बहादुर पी.जी. कॉलेज, बदलापुर, जौनपुर।

Read More
Books by this Author

Back to Top