Apni Vapasi

Author: Chitra Mudgal
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समकालीन भारतीय कथाकारों में चित्रा मुद्गल का विशिष्ट स्थान है। उनकी समाज सापेक्ष सृजनात्मकता के ज़द में कहना ग़लत न होगा—समूचा भारतीय समाज है। अपनी मिट्टी के रंगों का भूगोल है। जाहिर है उसी माटी-पानी में गुँथा-मड़ा, अवाक् कर देने वाली विसंगतियों में जीता, साँसें भरता वह आमजन है, जो व्यवस्था और पूँजी की मिलीभगत की विसात का मोहरा बना हुआ है। ग़ज़ब तो यह है, उसके ज़हालत और संघर्ष को कहीं विराम मिलता हुआ नज़र नहीं आ रहा।

यह भी कहना चाहता हूँ, महिला कथाकारों पर जिस तरह के सीमा संकेत लगाए जाते हैं, दायरों और दरीचों के सन्दर्भ में, चित्रा जी उन सभी सीमाओं का अतिक्रमण सहज रूप से इसलिए कर सकी हैं कि उनका संवेद घर-परिवार-रिश्ते-नातों की बारिकियों को उसके भीतरी संवेगों में जिस नफ़ासत से कथात्मक सौन्दर्य में बाँधता है, उसी गहराई और कलात्मकता से देहरी के बाहर निकल अपसंस्कृति की आँधी में डूब रही ज़िन्दगी के तनावों और आर्थिक दबावों, चाहे वह एक्जीक्यूटिव क्लास हो या फ्रीलांसर वर्ग—सभी को रेखांकित करने में सफल होती हैं।

मैं यह भी कहना चाहता हूँ, उनकी ज्यादातर कहानियों के चरित्र भावुकता की तर्कहीन नदी में न बहकर आर्थिक दबाव की परिणतियों को स्वीकार करते हुए ही अधिक प्रभावपूर्ण बनते हैं।

—शानी

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Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2011
Edition Year 2023, Ed. 2nd
Pages 158p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan - Remadhav
Dimensions 22.5 X 14 X 1.5
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Chitra Mudgal

Author: Chitra Mudgal

चित्रा मुद्गल

प्रख्यात कथाकार चित्रा मुद‍्गल का जन्म 10 दिसम्बर, 1943 को हुआ।

उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं—आवां (आठ भारतीय भाषाओं में अनूदित), गिलिगडु, एक ज़मीन अपनी, पोस्ट बॉक्स नम्बर 203 : नाला सोपारा (उपन्यास); इस हमाम में, चेहरे, लपटें, जगदम्बा बाबू गाँव आ रहे हैं, भूख, ज़हर ठहरा हुआ, लाक्षागृह, अपनी वापसी, ग्यारह लम्बी कहानियाँ, जिनावर, मामला आगे बढ़ेगा अभी, केंचुल, आदि-अनादि (तीन खंडों में), प्रतिनिधि कहानियाँ, शून्य (कहानी-संग्रह); तहख़ानों में बन्द अक्स (कथात्मक रिपोर्ताज); जीवक, माधवी कन्नगी और मणिमेखलयी (बाल उपन्यास); दूर के ढोल, सूझ-बूझ, देश-देश की लोककथाएँ (बाल कथा-संग्रह); बयार उनकी मुट्ठी में (लेख); सद्गति तथा अन्य नाटक, पंच परमेश्वर तथा अन्य नाटक, बूढ़ी काकी तथा अन्य नाटक (नाट्य-रूपान्तर)।

उन्होंने अनेक पुस्तकों का सम्पादन किया है। दूरदर्शन के लिए टेलीफ़िल्म वारिस का निर्माण किया है। प्रसिद्ध कहानियों पर आधारित एक कहानी, मझधार, रिश्ते सरीखे धारावाहिकों में उनकी कई कहानियाँ सम्मिलित हुई हैं। वे प्रसार भारती की बोर्ड मेम्बर और उसी की इंडियन क्लासिक कोर कमिटी की अध्यक्ष रह चुकी हैं। वे 42वें और 68वें नेशनल अवार्ड की ज्यूरी सदस्य रही हैं।

उनका उपन्यास आवां बिड़ला फ़ाउंडेशन के व्यास सम्मान से सम्मानित है। उन्हें इन्दु शर्मा कथा सम्मान (लन्दन), पुश्किन सम्मान (रूस), साहित्य सम्मान (हिन्दी अकादमी, दिल्ली), अवन्ती बाई सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान और वीरसिंह देव सम्मान के साथ ही सामाजिक कार्यों के लिए विदुला सम्मान  से भी सम्मानित किया जा चुका है।

सम्पर्क : mail@chitramudgal.info

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