Anasakt Aastik : Jainendra Kumar Ki Jeewani-Paper Back

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जैनेन्द्र कुमार हिन्दी के केवल मूर्धन्य कथाकार ही नहीं है अपितु प्रखर राष्ट्रवादी चिन्तक-विचारक भी है। वे हिन्दी भाषा में सोचने-विचारने वाले अन्यतम व्यावहारिक भारतीय दार्शनिक भी हैं तो भारत सहित वैश्विक राजनीति पर गहरी दृष्टि रखनेवाले प्रबुद्ध राजनैतिक विशेषज्ञ भी। वे स्वाधीनता आन्दोलन के तपोनिष्ठ सत्याग्रही भी रहे जिन्होंने स्वाधीनता मिलने के बाद भी अपने समग्र जीवन और लेखन क्रो सत्याग्रह बनाया। उन्होंने जो लिखा और जिया वह हमेशा एक नई राह की खोज का करण बना। कहानी और उपन्यास को नई भाषा, शिल्प तथा अधुनातन प्रविधियों में ढालकर जैनेन्द्र ने उन विषयों को प्रमुखता दी, जिन पर विचार करने का साहस पहले न किया जा सका। इसमें प्रमुखता से वह स्त्री उभरी, जिसे सदियों से उत्पीड़ित किया जाता रहा है। अपने दर्शन में आत्म को प्रतिष्ठित करनेवाले, विचारों में भारतीय-राष्ट्र-राज्य को अधिकाधिक सर्वोदय में देखनेवाले तथा जीवन में एक गृहस्थ संन्यासी का आदर्श प्रस्तुत करनेवाले जैनेन्द्र कुमार का महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू, राजेन्द्र प्रसाद, विनोबा भावे, राधाकृष्णन, जयप्रकाश नारायण, इन्दिरा गाँधी आदि राष्ट्रीय नेताओं से सीधा संवाद था। पर यह संवाद राष्ट्रीय हितों के लिए था, निजी स्वार्थों के लिए नहीं। ऐसे जैनेन्द्र कुमार के विराट व्यक्तित्व को उनकी जीवनी ‘अनासक्त आस्तिक' में देखने और उनके क्रमिक विकास को परखने का एक बड़ा प्रयत्न है, जो निश्चय ही उन्हें नए सिरे से समझने में सहायक होगा। कहना न होगा कि जैनेन्द्र साहित्य के मर्मज्ञ आलोचक ज्योतिष जोशी द्वारा मनोयोग से लिखी गई यह जीवनी पठनीय तो है ही, संग्रहणीय भी है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2019
Edition Year 2021, Ed 2nd
Pages 299p
Price ₹299.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 2
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Jyotish Joshi

Author: Jyotish Joshi

ज्योतिष जोशी

सा​हित्य, कला और रंगमंच के प्रतिष्ठित आलोचक ज्योतिष जोशी का जन्म 6 अप्रैल, 1965 को बिहार के गोपालगंज जिले के धर्मगता गाँव में हुआ। उच्च शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से प्राप्त हुई।

अब तक उनकी 24 मौलिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें कला सम्बन्धी प्रमुख कृतियाँ हैं—‘भारतीय कला के हस्ताक्षर’, ‘आधुनिक भारतीय कला’, ‘रूपंकर, कृति आकृति’, ‘दृश्यान्तर’, ‘बहुव्रीहि’ और ‘आधुनिक कला आन्दोलन’।

उन्होंने रचनावली, संचयिता समेत कई और ग्रन्थों का सम्पादन भी किया है; जिनमें ‘कलाकार निर्देशिका’, ‘कला विचार’, ‘कला परम्परा’ तथा ‘कला पद्धति’ शामिल हैं।

कई सम्मानों, पुरस्कारों एवं वरिष्ठ अध्येता वृत्तियों से नवाजे जा चुके श्री जोशी ललित कला अकादेमी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार में सम्पादक पद पर स्थायी रूप से रहे। अकादेमी के कार्यकारी सचिव का दायित्व भी निभाया है। ये कलाओं के समवेत मंच ‘अन्तर्यात्रा’ के अध्यक्ष भी हैं।

इन दिनों वे नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), नई दिल्ली में सीनियर फेलो हैं।

ई-मेल : jyotishjoshi@gmail.com

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