Achchha Aadami

Author: Pankaj Mitra
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Achchha Aadami
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आज हमारे आसपास सबसे अच्छा आदमी कौन है? वह कौन है जो सबसे ज़्यादा मुस्कुराता हुआ आपके पास आता है, आपसे हाथ मिलाता है, आपके हालचाल लेता है, आपके अपनों से भी ज़्यादा आपका अपना हो जाता है, कौन है वह जिसके पास आपकी तमाम शंकाओं, परेशानियों, उलझनों का उपचार है, समाधान है? कौन है जो आपको आपके बारे में वह भी बता देता है जो आप नहीं जानते? आपकी इच्छाओं, कामनाओं, वासनाओं-लिप्साओं पर सतत शोधरत वह कौन है, जो आपके चाहने से भी पहले आपकी चाह को सन्तुष्ट कर देता है?

इन सभी सवालों का जवाब एक ही है—बाज़ार, जिसकी अलग-अलग भंगिमाओं की व्याख्या पंकज मित्र ने अपने इस नए संग्रह की कई कहानियों में की है। बाज़ार को विस्तार के लिए हर दिन और जगह चाहिए, और ज़मीन चाहिए, इसके लिए वह हमें लालच देता है, हमारी अधूरी लालसाओं को उकसाता है, हमें अपने पाले में लेने की कोशिश करता है, और तब भी अगर उसे अपनी इच्छा पूरी होती न दिखे तो मँगरा की तरह आपकी ज़मीन पर सीधे क़ब्ज़ा कर लेता है, वहाँ एक मॉल बना देता है जिसकी हिमायत में अच्छा आदमी के प्रोफ़ेसर जैसे कुछ लोगों के अलावा समाज का हर व्यक्ति खड़ा मिलता है। उनके अपने बीवी-बच्चे तक।

वह हर तरफ़ से आता है, और आपके जीवन की हर समस्या का समाधान आपको देता है, हर प्रश्न का जवाब, हर दिक़्क़त के लिए एक सुविधा, एक ‘ऐेप’। बस एक मूलभूत प्रश्न का जवाब ही उसके पास नहीं कि जिन साधनों का विशाल गट्ठर वह बाँधे फिरता है, उसे ख़रीदने के लिए पैसे अगर आपके पास न हों तो क्या करें? और आप जब यह पूछते हैं, आपको बाहर कर दिया जाता है, कभी ग़ायब, कभी ग़ैरज़रूरी।

कुछ और भी प्रश्न हैं जिनके जवाब उसके पास नहीं, लेकिन जिनका इस्तेमाल वह बख़ूबी कर लेता है, मसलन हमारा जाति-अहंकार, राजनीतिक-सामाजिक अनैतिकताएँ, नौकर-शाही की उठापटक और ताक़त की अन्य अनेक क़िस्में। पंकज मित्र इन कहानियों में हमारी इन परतों को भी उघाड़ते हैं। 

ग्रामीण समाज के मनोविज्ञान पर उनकी सहज पकड़ है साथ ही विकास की असन्तुलित धारा के साथ उभरती विडम्बनाओं को पकड़ने का कौशल भी जो इन कहानियों में बख़ूबी प्रकट हुआ है। भाषा का चुटीला प्रयोग, कथा-प्रवाह और पात्रों को उनकी विशेषताओं में साकार करने की उनकी ख़ूबी इन कहानियों को ख़ास तौर पर पठनीय बनाती है और उनके सरोकार संग्रहणीय।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 144p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21 X 13.5 X 1.5
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Editorial Review

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Pankaj Mitra

Author: Pankaj Mitra

पंकज मित्र 

पंकज मित्र का जन्म 15 जनवरी, 1965 को राँची, झारखंड में हुआ। उन्होंने भागलपुर विश्वविद्यालय से एम.ए. किया और विनोबा भावे विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में पी-एच.डी. की है। उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं—‘क्विजमास्टर’, ‘हुड़ुक-लुल्लू’, ‘ज़िद्दी रेडियो’, ‘बाशिंदा@तीसरी दुनिया’ (कथा-संग्रह)। 

उन्हें इंडिया टुडे के ‘युवा लेखन पुरस्कार’, भारतीय भाषा परिषद के ‘युवा सम्मान’, ‘मीरा स्मृति सम्मान’, ‘वनमाली कथा सम्मान’, ‘रेवांत मुक्तिबोध सम्मान’, ‘जयशंकर प्रसाद सम्मान’, ‘बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान’ और ‘कथाक्रम सम्मान’ से सम्मानित किया जा चुका है।  

सम्प्रति : आकाशवाणी जमशेदपुर में कार्यक्रम अधिशासी।

सम्पर्क : 102, हरिओमशान्ति अपार्टमेंट, साकेत विहार, हरमू, राँची, झारखंड-834002

ई-मेल : pankajmitro@gmail.com

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