Aanewali Sadi Ke Liye-Hard Back

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Aanewali Sadi Ke Liye-Hard Back
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श्री निमाई मुखोपाध्‍याय काफ़ी दिनों से लिख रहे हैं, पर अनजाने। कविता लिखकर दूसरों को सुनाने के लोभ को रोक पाना बहुत मुश्किल काम है, पर वे इसमें कामयाब हुए हैं। लेकिन कितने दिनों तक अपने को छुपा पाएँगे? एक-दो कविताएँ हाथ से फिसलकर इधर-उधर छप ही गईं।

आनेवाली सदी के लिए—यह नाम ही अपने आप में विशेषार्थक है। श्री निमाई मुखोपाध्‍याय आधुनिक कविताएँ लिखते हैं, परन्‍तु आ‍धुनिक कविता की अस्‍पष्‍टता उनकी कविता में वर्तमान नहीं है। उनकी भाषा सहज और भाव गम्‍भीर हैं। इस तरह से उनकी कविताएँ अपवाद हैं। श्री मुखोपाध्‍याय की कविताओं में पाठक नवीन स्‍वाद और गन्‍ध पाएँगे।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Isbn 10 AWSKL15
Publication Year 1990
Pages 99p
Price ₹150.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
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Author: Nimai Mukhopadhyay

निमाई मुखोपाध्याय

कलकता में जन्मे व पढ़े श्री निमाई मुखोपाध्याय रामकृष्ण मिशन इन्सटीच्यूट ऑफ़ कल्चर, कलकता से 1963 से सम्बन्धित हैं। उनकी कविताएँ अंग्रेज़ी व बंगला के कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं।

प्रस्तुत पुस्तक पहले बंगला में छप चुकी है जिसे बंगला के बुद्धिजीवियों व समाचार-पत्रों ने बहुत सराहा है।

कविता लिखने के अतिरिक्त श्री मुखोपाध्याय संगीत व चित्रकला में भी रुचि रखते हैं।

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