Zindagi Se Pyar Aur Anya Kahaniyan

Fiction : Stories
Author: Jack London
Translator: Satyam
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Zindagi Se Pyar Aur Anya Kahaniyan

ज़िन्दगी से प्यार और अन्य कहानियाँ जैक लण्डन की कुछ चुनी हुई कहानियों का यह संकलन हिन्दी पाठकों के समक्ष उनकी मौलिक और प्रयोगशील सर्जनात्मकता की एक बानगी पेश करेगा।

उत्तरी इलाक़ों की अपनी कहानियों में जैक लण्डन ने बुर्जुआ सभ्यता को अनछुई प्रकृति के सामने खड़ा करने की कोशिश की। अनछुई, शुद्ध बना देनेवाली प्रकृति के प्रति सम्मोहन और बुर्जुआ सभ्यता की तकनीकी-सांस्कृतिक उपलब्धियों के प्रति आस्था के बीच सतत द्वन्द्व उसकी कहानियों में आद्यन्त एक क़िस्म के तनाव का निर्माण करता रहा।

प्रकृति के साथ जैक लण्डन ने अपनी प्रारम्भिक रचनाओं से ही जो जटिल द्वन्द्वात्मक रिश्ता क़ायम करना शुरू किया था, वह अन्त तक बना रहा। एक धरातल पर वे मनुष्य और प्रकृति के इस शाश्वत द्वन्द्व को दिखलाते हैं, जहाँ प्रकृति का अंग होने के साथ ही उत्पादक शक्तियों को अपने विकास के लिए उससे जूझना भी होता है। दूसरे धरातल पर, भीषण प्रकृति से ज़िन्दगी की हिफ़ाज़त के लिए इनसान की लड़ाई में वे सामाजिक संघर्ष में जूझ रहे नर्क़ की ज़िन्दगी बितानेवाले लोगों की जिजीविषा और युयुत्सा का रूपक तलाशते और गढ़ते दिखाई देते हैं। एक तीसरे धरातल पर उनकी रचनाओं में प्रकृति हमें घोर मानवद्रोही बुर्जुआ समाज से दूर एक आत्मीय-आदिम शरण्य के रूप में दिखती है और अलगाव के निषेध का समग्र प्रभाव उत्पन्न होता है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2003
Edition Year 2003, Ed. 1st
Pages 132p
Translator Satyam
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1
Jack London

Author: Jack London

जैक लण्डन

जन्म : 12 जनवरी, 1876; सैन फ़्रांसिस्को शहर के निकट ग्लेन एलेन, अमेरिका में।

जैक लण्डन के कृतित्व से हिन्दी पाठक लगभग अपरिचित हैं। अभी तो सिर्फ़ उनके दो उपन्यास ‘कॉल ऑफ़ दि वाइल्ड’ और ‘व्हाइट फैंग’ ही हिन्दी में अनूदित हुए हैं। विश्व साहित्य में यथार्थवादी परम्परा पर कोई भी चर्चा जैक लण्डन के, विशेषकर दो उपन्यासों—‘मार्टिन ईडन’ और ‘आयरन हील’ के उल्लेख के बिना अधूरी मानी जाएगी। उनकी कुछ कहानियाँ भी ऐसी हैं, जिन्हें बीसवीं शताब्दी की उत्कृष्टतम कहानियों में शामिल किया जा सकता है।

यह एक दिलचस्प ऐतिहासिक तथ्य है कि जैक लण्डन अपने समय के दो महान क्रान्तिकारियों के पसन्दीदा लेखक थे। लेनिन की मृत्यु से दो दिन पहले उनकी पत्नी क्रुप्सकाया ने उन्हें जैक लण्डन की कहानी ‘ज़िन्दगी से प्यार’ पढ़कर सुनाई थी और उन्हें वह बहुत अधिक पसन्द आई थी। भगत सिंह फाँसी की कोठरी में राजनीतिक अध्ययन के साथ-साथ जिन साहित्यकारों की कृतियाँ बहुत चाव के साथ पढ़ रहे थे उनमें चार्ल्स डिकेंस, अप्टन सिंक्लेयर और मैक्सिम गोर्की के साथ जैक लण्डन भी प्रमुख थे। जैक लण्डन के उपन्यास ‘आयरन हील’ से वे बहुत अधिक प्रभावित हुए थे। अपनी जेल नोटबुक में उन्होंने इस उपन्यास के कई उद्धरण दर्ज किए हैं।

जैक लण्डन शब्दों के वास्तविक अर्थों में जनता के आदमी थे और इसीलिए वे जनता के सच्चे लेखक बन सके। श्रम की गरिमा और श्रम-शक्ति के शोषण का उसका अनुभव प्रत्यक्ष था। सामाजिक रसातल के अन्धकारमय जीवन को उन्होंने ख़ुद देखा और भोगा था। परिणाम इस रूप में आज सामने है कि विश्व-साहित्य के इतिहास में सर्वहारा-साहित्य और समाजवादी यथार्थवाद के उद्भव के साथ मैक्सिम गोर्की के बाद जो दूसरा नाम जुड़ा हुआ माना जाता है, वह जैक लण्डन का है।

निधन : 22 नवम्बर, 1916

 

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