Jack London
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जैक लण्डन
जन्म : 12 जनवरी, 1876; सैन फ़्रांसिस्को शहर के निकट ग्लेन एलेन, अमेरिका में।
जैक लण्डन के कृतित्व से हिन्दी पाठक लगभग अपरिचित हैं। अभी तो सिर्फ़ उनके दो उपन्यास ‘कॉल ऑफ़ दि वाइल्ड’ और ‘व्हाइट फैंग’ ही हिन्दी में अनूदित हुए हैं। विश्व साहित्य में यथार्थवादी परम्परा पर कोई भी चर्चा जैक लण्डन के, विशेषकर दो उपन्यासों—‘मार्टिन ईडन’ और ‘आयरन हील’ के उल्लेख के बिना अधूरी मानी जाएगी। उनकी कुछ कहानियाँ भी ऐसी हैं, जिन्हें बीसवीं शताब्दी की उत्कृष्टतम कहानियों में शामिल किया जा सकता है।
यह एक दिलचस्प ऐतिहासिक तथ्य है कि जैक लण्डन अपने समय के दो महान क्रान्तिकारियों के पसन्दीदा लेखक थे। लेनिन की मृत्यु से दो दिन पहले उनकी पत्नी क्रुप्सकाया ने उन्हें जैक लण्डन की कहानी ‘ज़िन्दगी से प्यार’ पढ़कर सुनाई थी और उन्हें वह बहुत अधिक पसन्द आई थी। भगत सिंह फाँसी की कोठरी में राजनीतिक अध्ययन के साथ-साथ जिन साहित्यकारों की कृतियाँ बहुत चाव के साथ पढ़ रहे थे उनमें चार्ल्स डिकेंस, अप्टन सिंक्लेयर और मैक्सिम गोर्की के साथ जैक लण्डन भी प्रमुख थे। जैक लण्डन के उपन्यास ‘आयरन हील’ से वे बहुत अधिक प्रभावित हुए थे। अपनी जेल नोटबुक में उन्होंने इस उपन्यास के कई उद्धरण दर्ज किए हैं।
जैक लण्डन शब्दों के वास्तविक अर्थों में जनता के आदमी थे और इसीलिए वे जनता के सच्चे लेखक बन सके। श्रम की गरिमा और श्रम-शक्ति के शोषण का उसका अनुभव प्रत्यक्ष था। सामाजिक रसातल के अन्धकारमय जीवन को उन्होंने ख़ुद देखा और भोगा था। परिणाम इस रूप में आज सामने है कि विश्व-साहित्य के इतिहास में सर्वहारा-साहित्य और समाजवादी यथार्थवाद के उद्भव के साथ मैक्सिम गोर्की के बाद जो दूसरा नाम जुड़ा हुआ माना जाता है, वह जैक लण्डन का है।
निधन : 22 नवम्बर, 1916