विलियम सोरायाँ के विश्वविख्यात उपन्यास ‘द ह्यूमन कॉमेडी’ का यह अनुवाद होमर मैकाले नाम के एक चौदह वर्षीय लड़के के इर्द-गिर्द घूमता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जब उसका बड़ा भाई मारकस लड़ाई के मोर्चे पर चला जाता है तो होमर, यह समझते हुए कि अब घर की ज़िम्मेदारी उसी के ऊपर है, तार-घर में अंशकालिक नौकरी कर लेता है। काम है लोगों के घरों तक चिट्ठियाँ पहुँचाना।

अपने इसी काम को करते हुए उसे जीवन, मृत्यु, अकेलेपन और मानव-अस्तित्व से सम्बन्धित अनेक ऐसी सच्चाइयों का सामना करना पड़ता है, जो उसे एक अनुभवी व्यक्ति बनने में मदद करती हैं।

उपन्यास में होमर की ‘ओडिसी’ के भी अनेक सन्दर्भ बुने गए हैं। ओडिसी की तरह इस उपन्यास के केन्द्र में भी घर वापसी है।

इस उपन्यास के विश्व में अनेक फ़िल्म तथा रंगमंचीय रूपान्तरण हो चुके हैं।

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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2009
Edition Year 2009, Ed. 1st
Pages 151p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 18.5 X 12.5 X 1.5
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Author: William Sorayan

विलियम सोरायाँ

जन्म : 31 अगस्त, 1908; फ़्रेस्नो कैलिफ़ोर्निया।

शिक्षा : आरम्भिक शिक्षा उन्होंने अपने ही प्रयासों से अर्जित की।

विलियम सोरायाँ जब मात्र तीन वर्ष के थे, उनके पिता की मृत्यु हो गई थी, जिसके कारण उन्हें अपने भाई-बहन के साथ ऑकलैंड के एक अनाथालय में रहना पड़ा। बाद में उनके लेखन में इस दौर के अनेक अनुभव निरूपित हुए हैं।

उनकी आरम्भिक कथा-रचनाएँ 1930 में सामने आईं।

प्रमुख पुस्तकें : ‘द टाइम ऑफ़ योर लाइफ़, ‘माई नेम इज अरम’ तथा ‘द ह्यूमन कॉमेडी’।

कई विश्वविख्यात नाटकों की रचना भी आपने की है।

सम्मान : ‘पुलित्ज़र पुरस्कार’ तथा ‘अकादमी अवार्ड’ आदि सम्मानित पुरस्कारों से विभूषित।

निधन : 18 मई, 1981

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