Vichar Ka Aina Kala Sahitya Sanskriti : Mahatma Gandhi-Hard Cover

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ISBN:9788195965687
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विचार का आईना शृंखला के अन्तर्गत ऐसे साहित्यकारों, चिन्तकों और राजनेताओं के ‘कला साहित्य संस्कृति’ केन्द्रित चिन्तन को प्रस्तुत किया जा रहा है जिन्होंने भारतीय जनमानस को गहराई से प्रभावित किया। इसके पहले चरण में हम मोहनदास करमचन्द गांधी, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, प्रेमचन्द, जयशंकर प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, राममनोहर लोहिया, रामचन्द्र शुक्ल, सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’, महादेवी वर्मा, सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ और गजानन माधव मुक्तिबोध के विचारपरक लेखन से एक ऐसा मुकम्मल संचयन प्रस्तुत कर रहे हैं जो हर लिहाज से संग्रहणीय है।

मोहनदास करमचन्द गांधी ऐसे जननेता हैं जो वैश्विक उपस्थिति रखते हैं। वे भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के ऐसे नायक हैं जिन्होंने इसे जनता का आन्दोलन बना दिया। औपनिवेशिक सत्ता का प्रतिरोध करते हुए उन्होंने सत्य और अहिंसा को अपनी लड़ाई का केन्द्रीय शिल्प बनाया। उन्होंने साध्य ही नहीं साधन की भी पवित्रता की बात की, बेलगाम उपभोग की संस्कृति का विरोध किया। सत्याग्रही के रूप में विरोधी के प्रति भी किसी तरह की कटुता न रखने की बात कही। अपने समय के शीर्ष लेखकों, चिन्तकों और कलाकारों पर गांधी के विचारों का गहरा असर रहा। वे लोगों से निरन्तर संवादरत रहे और अपने विचारों को मजबूती से रखते रहे। हमें उम्मीद है कि उनके कला, साहित्य और संस्कृति सम्बन्धी लेखन को पढ़ते हुए इस कठिन समकाल से जूझने की अनेक राहें रोशन होंगी।

More Information
Language Hindi
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 240p
Price ₹695.00
Translator Not Selected
Editor Achyutanand Mishra
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1.5
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Author: Mahatma Gandhi

मोहनदास करमचन्द गांधी

(2 अक्टूबर, 1869—30 जनवरी, 1948)

बीसवीं सदी के सबसे प्रभावी राजनीतिक चिन्तकों और जननेताओं में से एक। राजनीतिक जीवन की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका से। 1915 ई. में भारत आए और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए। देश के हालात को समझने के लिए भारत भ्रमण। असहयोग आन्दोलन, सविनय अवज्ञा आन्दोलन और भारत छोड़ो आन्दोलन का नेतृत्व। भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के मान्य नेतृत्वकर्ता। अहिंसा के पैरोकार। आजादी मिलने के साल भर के भीतर एक धर्मान्ध हत्यारे द्वारा उनकी हत्या कर दी गई।

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