Facebook Pixel

Veerta Par Vichlit-E-Book

Author: R. ChetanKranti
Edition: 2017, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
₹0.00
In stock
SKU
9788126729838-ebook

Buying Options

Ebook

आर. चेतनक्रान्ति की कविताएँ औसत जीवन की महत्तर कविताएँ हैं।

उत्तर-पूँजीवाद ने पिछले दो दशकों में बेकारी, विस्थापन, ऊब और उदासी का अपरम्पार गाद जमा किया है। चेतनक्रान्ति इससे गुज़रकर इस महाजीवन की धकधक को पकड़नेवाले सबसे संवेदनशील कवि हैं। और उनकी कविताएँ औसत आदमी की अकुलाहट, हताशा, टूटन व बाज़ार द्वारा गढ़े मौज़-मज़ा-मस्ती की बर्बरता के बीच अन्तर्निहित सूत्रों को बहुत सहज ढंग से उद्घाटित करती हैं। ये कविताएँ हमारे स्वप्न, डर, उन्माद और उपभोग में निहित ताक़त और दमन के महीन सूत्रों को अनायास खोलती चलती हैं। यहाँ ‘ताक़त’ अलग-अलग व्यंजनाओं में सबसे केन्द्रीय पद है। हमारे तमाम भाव-अनुभाव ताक़त की इस अदृश्य संरचना का ही प्रभावोत्पाद हैं, इस बात को समझने के लिए यहाँ संकलित प्रेम कविताओं को धैर्य से पढ़ना चाहिए। प्रेम यहाँ हिन्दी के सामान्य तन्द्रिल संसार से भिन्न; दैनंदिन जीवन की कशमकश और औसत आदमी की बेचारगी के बीच एक सघन मानुष गन्ध की तरह है। प्रेम यहाँ औसतपने में जीवन की सार्थकता और अस्तित्व को थोड़ा गहरा संवेदनात्मक आधार देता है।

 

इन कविताओं में स्थिति और अवस्थितियों के कारणभूत तत्त्वों तक पहुँचने की तड़प के साथ संरचनात्मक अन्तर्विरोधों से पैदा हुआ बहुत जैविक तरह का प्रतिरोध है। इसे प्रचलित मुहावरों और लोकप्रिय मुद्राओं में घटाकर समझने का प्रयास व्यर्थ है। यह किसी विचार-व्यवस्था और क्रान्ति के शास्त्र से नहीं बल्कि पूँजी और पितृसत्ता के ख़िलाफ़ ग़ुस्सा, खीझ और न्याय की आकांक्षा है जो कौरवी बोली के देशज ताप से ख़ास संवादधर्मी शिल्प में ढल जाता है।

—आशीष मिश्र

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2017
Edition Year 2017, Ed. 1st
Pages 160p
Price -₹1,595.24
Publisher Rajkamal Prakashan
Write Your Own Review
You're reviewing:Veerta Par Vichlit-E-Book
Your Rating

Author: R. ChetanKranti

आर. चेतनक्रान्ति

आर. चेतनक्रान्ति का जन्म उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले के एक गाँव में हुआ। शुरू की पढ़ाई-लिखाई वहीं हुई। उच्च शिक्षा मेरठ विश्वविद्यालय से हुई।

दो कविता-संग्रह, ‘शोकनाच’ (2004) और ‘वीरता पर विचलित’ (2017) प्रकाशित हैं।

कविता के लिए ‘भारतभूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार’, ‘स्पन्दन पुरस्कार’, ‘अमर उजाला शब्द सम्मान’ और राजस्थान पत्रिका के ‘वार्षिक कविता पुरस्कार’ से सम्मानित।

आलोचना त्रैमासिक के सह-सम्पादक हैं।

सम्पर्क : rchetankranti@gmail.com

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top